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Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध 10 लाइन में, 250 शब्द लिखकर बन जाएं टीचर्स के फेवरिट
Teachers day ka nibandh: 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम अपने शिक्षकों को धन्यवाद कह सकें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतार सकें।.
टीचर्स डे निबंध: क्यों मनाते है शिक्षक दिवस?
शिक्षक दिवस हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे एक सच्चे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और ज्ञान के लिए समर्पित किया था।
हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।
शिक्षकों का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाते हैं, जो हमें जीवन में सही रास्ते पर चलने में मदद करता है। वे हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। वे हमें अपने जीवन को सुधारने में मदद करते हैं, और हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।
शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार
शिक्षक हमारे मार्गदर्शक हैं, जो हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करते हैं। वे हमें शिक्षा देते हैं, जो हमारे जीवन का आधार है। इसके साथ ही हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वे हमें जीवन के हर पहलू में सहायता करते हैं, जैसे कि कैसे अच्छे इंसान बनना है, कैसे समाज में योगदान करना है, और कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद
हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा। वे हमारे रोल मॉडल हैं, जिन्होंने हमें सही रास्ते पर चलने में मदद की है। यह दिन हमें मौका देता है उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनको जितना भी धन्यवाद दो कम ही है। आओ मिलकर शिक्षकों को धन्यवाद दें, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा।
शिक्षकों को समर्पित एक दिन
वैसे तो शिक्षक दिवस का महत्व केवल एक दिन के समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए। लेकिन तब भी, शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देने और उनके योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। हमें अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दिन हमें उनके योगदान की सराहना करते हुए, उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए, क्योंकि उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।
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Teacher’s Day Essay in Hindi: शिक्षक दिवस पर निबंध 250, 300, 500 शब्दों में, साथ ही पढ़ें टीचर्स डे पर कविता और अनमोल वचन
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5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। उन्हीं के सम्मान में 5 सितंबर का दिन प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
समाज में शिक्षकों की भूमिका तथा उनके संघर्षों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
इस दिन विद्यालय, महाविद्यालय तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न तरीके के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें छात्र-छात्राएं अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने के लिए भाषण देते हैं और कविताएं पढ़ते हैं।
इस दिन छात्र अपने अभिभाषण और कविताओं के माध्यम से अपने जीवन में शिक्षक की भूमिका का मूल्यांकन करते हैं। शिक्षक दिवस पर विभिन्न संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।
इस आर्टिकल में आप को शिक्षक दिवस पर निबंध और कविताएं पढ़ने को मिलेगी जिन्हें आप अपने शिक्षण संस्थानों में सुना सकते है। इन सामग्रियों के माध्यम से आप एक प्रभावशाली भाषण भी तैयार कर सकते हैं।
आइये जानें- 5 सितंबर शिक्षक दिवस का इतिहास व रोचक तथ्य
- शिक्षक दिवस 2023 पर यह जोरदार भाषण दे कर करें शिक्षकों का धन्यवाद
शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)
छात्र जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक के मार्गदर्शन में ही हम जीवन के नैतिक मूल्यों को समझते हैं और जीवन की सही राह को अपनाते हैं।
शिक्षा की हमें नीति का पाठ पढ़ाते हैं बिना शिक्षक के हमारा नैतिक विकास नहीं हो सकता। इसीलिए शिक्षकों के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
5 सितंबर 1888 को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी पेशे एक शिक्षक थे। इसके अलावा वह एक दार्शनिक और दर्शनशास्त्र के प्रोफ़ेसर भी थे। उन्होंने दर्शनशास्त्र पर कई सारी किताबें भी लिखी हैं। राधाकृष्णन जी की शिक्षण शैली अत्यंत प्रभावशाली थी। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने लोगों को बहुत प्रभावित किया था।
उनका मानना था कि देश के नैतिक भविष्य को बनाने में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वह शिक्षा को हथियार की तरह मानते थे जिसके बल बूते पर जीवन का हर संघर्ष लड़ा जा सकता है।
अपने जीवन काल में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने विभिन्न विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अध्यापन का कार्य किया। इतना ही नही वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति भी नियुक्त किए गए और आगे चलकर भारत के पहले उपराष्ट्रपति बने।
भले ही शिक्षक दिवस की शुरुआत डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के योगदान के सम्मान में हुई थी लेकिन यह आज भी हमारे शिक्षकों को सम्मान के रूप में समर्पित है।
शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है। शिक्षा के अभाव में जीवन निरर्थक हो जाता है। एक शिक्षक शिक्षा की आभा के माध्यम से हमारे जीवन में फैले हुए अज्ञान के अंधकार को दूर करता है और हमारे जीवन को सार्थक बनाता है।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी मानते थे कि शिक्षक ही देश के भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि वह देशभर के युवाओं को राष्ट्र को विकास की नई दिशा एवं गति देने के लिए प्रेरित करता है।
हमें अपने शिक्षकों का हृदय से सम्मान करना चाहिए एवं सदैव उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।
शिक्षक दिवस पर छोटा निबंध 250 शब्दों में (Teachers Day Essay In Hindi 250 Words)
भारत में पांच सितंबर का दिन हर साल राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती भी होती है।
उनकी जयंती के उपलक्ष में ही भारत का यह राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्तर पर 5 अक्टूबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के लिए सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती का दिन चुना गया।
दरअसल एक बार सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने जन्मदिन मनाने के आग्रह पर छात्रों से कहा था कि अगर वह उनके जन्मदिन को सही तरीके से मनाना चाहते हैं और उन्हें कोई उपहार देना चाहते हैं तो 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाए।
वह भारत के एक महान दार्शनिक दूरदर्शी नेता तथा आदर्श तथा उत्कृष्ट शिक्षक थे। जब उनका निधन हो गया तब उनकी जयंती का दिन उनके सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस का यह दिन शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए खास होता है। शिक्षक दिवस का एक दिन शिक्षकों को समर्पित होता है।
इस दिन देश भर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं खासकर स्कूल कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर निबंध लेखन तथा भाषण प्रतियोगिता आदि का आयोजना किया जाता है।
शिक्षक दिवस का दिन शिक्षक को समर्पित होता है। शिक्षक की भूमिका हमारी भारतीय संस्कृति और हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां हमारी संस्कृति शिक्षकों को ईश्वर से भी महान बताती है तो वहीं दूसरी ओर शिक्षक हमारे जीवन का कायाकल्प भी करते हैं!
हमेशा देव शिक्षकों का आदर करना चाहिए एवं उनकी बात माननी चाहिए! आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
आइये जानते हैं –
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शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) पर कविता शायरी (Shayari On Teacher’s Day Poem in Hindi)
कविता 1 – ईश्वर से बढ़कर महान है गुरु।, कविता 2 – बिन गुरु शिक्षा होत न ज्ञान, शिक्षक दिवस पर अनमोल वचन (quotes on teachers day hindi).
- छात्रों के जीवन में शिक्षक की भूमिका एक कुम्हार की तरह होती, जो अबोध छात्रों को गढ़ कर, उन्हें ज्ञान की आंच पर पका कर ज्ञानी और विद्वान बनाता है।
- शिक्षक जीवन के ध्येय को साधने के सारे उपाय बताता है।
- जरूरी नहीं है कि जीवन में शिक्षक कोई व्यक्ति ही हो, कई बार परिस्थितियां, घटनाएं और समय भी शिक्षक की भूमिका निभाते हैं। जो हमें जीवन की वास्तविकता बताकर सही मार्ग दिखाते हैं।
- हमारे जीवन में शिक्षा के सिद्धांतों की नींव डालते हैं जिन सिद्धांतों पर चलकर हम एक महान जीवन जीते हैं।
- सनातन संस्कृति में गुरु और माता-पिता को ईश्वर से श्रेष्ठ बताया गया है।
- बिना गुरू ज्ञान के ईश्वर से भेंट नहीं हो सकती। गुरू ही ईश्वर और मोक्ष तक जाने का मार्ग दिखाता है।
- गुरु हमारे जीवन में ज्ञान रूपी प्रकाश भरकर जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर देता है।
- शिक्षक केवल वह व्यक्ति नहीं होता जो हमें किसी संस्था में पढ़ाता है बल्कि हर वह चीज जो हमें जीवन का पाठ पढ़ाती है जिससे हम बहुत कुछ सीखते हैं, वह हमारे गुरु के समान होती है।
- शिक्षक एक ऐसा व्यक्तित्व है जो अपने अनुभवों को हमारे साथ साझा करता है, हमें एक नए दृष्टिकोण से आकलन करना सिखाता है तथा हमारी गलतियों से हमें प्रेरित होना सिखाता है।
- जिस प्रकार ब्रह्मा को जीवन का रचयिता माना जाता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक को नीति, ज्ञान और बुध्दि का रचयिता माना जाता है।
आज इस लेख के जरिए हमने आप को शिक्षक दिवस पर निबंध Essay On Teacher’s Day तथा शिक्षक दिवस पर कविता Poem On Teacher’s Day In Hindi परचर्चा की । उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा।
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Teachers day essay in hindi शिक्षक दिवस पर निबंध.
Learn Teachers Day Essay in Hindi in 200 and 300 words. शिक्षक दिवस पर निबंध। 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss a very important topic i.e Teachers Day essay in Hindi. Teachers Day essay in Hindi is asked in many exams. The very short essay on Teachers Day in Hindi 250 words and an essay on teachers day in Hindi in more than 300 words. Learn about Teachers Day essay in Hindi and bring better results in our exam.
Teachers Day Essay in Hindi 200 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध
विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। शिक्षक हमारी सफलता प्राप्ति के लिये हमें कई प्रकार से मदद करते हैं जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढालते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद देना चाहिए। भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रति वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए हैं।
एक बार कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिये उनसे निवेदन किया लेकिन इस पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय आप सभी को शिक्षकों के उनके महान योगदान के लिये सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिये इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाना चाहिये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। अपने महान कार्यों और देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।
Teachers Day Essay in Hindi 300 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध
शिक्षक अथवा अध्यापक वह व्यक्ति होता है जो दूसरों को पढ़ा लिखा कर शिक्षा देने का काम करता है । भारत देश सदैव से गुरुओं तथा शिक्षकों का देश रहा है और इस बात पर हमे गर्व है क्योंकि दुनिआ भर में हमारे देश के शिक्षकों ने उच्च स्थान प्राप्त करके सबको भारत की ताकत का आभास कराया है । भारत देश में शिक्षकों, अध्यापकों और गुरुओं का मान सम्मान हमेशा से बहुत अधिक रहा है । पहले अध्यापकों को माता पिता के समान पूजा जाता था पर आजकल स्थिति कुछ बदल गई है, आजकल भारत में भी संसार के अन्य देशों के समान शिक्षा का लेना देना एक प्रकार का व्यवसाय बन कर रहे गया है । यह स्थिति कोई सराहनीय तो नहीं है ।
शिक्षक के महत्व को समझा जाए; शिक्षक श्री शिक्षा देने को व्यवसाय ना मानकर उसे एक पवित्र कार्य या कर्तव्य समझे, शिक्षक का खोया सम्मान उसे फिर से प्राप्त हो जाए या उसे यह सामान दिलाया जा सके – यही भावना रही है शिक्षक दिवस को मनाने के पीछे । शिक्षक दिवस मनाने का संबंध जोड़ा गया देश के राष्ट्रपति रहे महामहिम सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के साथ, जिनका जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था, अर्थात तभी से यह दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाने लगा । इसके पीछे कारण था उसका आदर्श अध्यापकत्व ।
शिक्षक दिवस के दिन सभी विद्यालयों में सभाएं होती हैं । बच्चों को अध्यापकों के मान सम्मान से संबंधित प्रेरणा दी जाती है। कई विद्यालयों में तो इस दिन विद्यार्थियों को ही अध्यापक का कार्य सौंपा जाता है ताकि उन्हें अध्यापक के कार्य के महत्व का आभास हो सके ।
कई बार प्रांतीय एव राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं । इस दिन प्रांतीय एव राष्ट्रीय स्तर पर उच्च आदर्श स्थापित करने वाले अध्यापकों को पुरस्कृत भी किया जाता है । अब तो अध्यापकों के चुनाव में राजनीति का समावेश होने लगा है । यह निंदा का विषय है । इस दिवस के मनाने का मूल उद्देश्य है कि राष्ट्र के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक को उचित सम्मान दिया जाना । यदि हम सच्चे मन से सादगी और राजनैतिक निरपेक्षता से इस दिवस को मनाए तो हम भारत के परंपरागत गुरु-शिष्य परम्परा को सब तरह से पुनर्जीवित कर सकते हैं ।
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शिक्षक दिवस का उत्सव पर निबंध (Teacher’s Day Celebration Essay in Hindi)
शिक्षक दिवस का उत्सव देश भर में हर वर्ष 5 सितबंर को मनाया जाता है। यह वह दिन है, जब शिक्षक कर्मचारी कक्ष में आराम करते है और इस दिन छात्रों द्वारा उनकी भूमिका छात्रों द्वारा निभायी जाती है। शिक्षक दिवस विद्यालयों में पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों और छात्रों दोनो के लिए ही काफी मजेदार होता है।शिक्षक दिवस के उत्सव में कई तरह के खेल और गतिविधियां शामिल होती है। इस दिन वरिष्ठ कक्षाओं के छात्र कार्यक्रमों के आयोजन के लिए जिम्मेदारी लेते है।
शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | शिक्षक दिवस पर भाषण
शिक्षक दिवस के उत्सव पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Teacher’s Day Celebration 2022 in Hindi, Shikshak diwas samaroh par Nibandh Hindi mein)
शिक्षक दिवस समारोह पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
शिक्षक दिवस छात्र और शिक्षक जीवन के सबसे खास दिनों में से एक है। शिक्षक पूरे वर्ष भर इस दिन का इंतजार करते है ताकि इस दिन वह छात्र और एक दूसरे के साथ बातचीत कर सके, यह वह दिन होता है जब उन्हें अपने दैनिक दिनचर्या से आराम मिल जाता है। इस दिन प्रत्येक विद्यालय में कई तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती है।
छात्र शिक्षक के वेश में
इस दिन वरिष्ठ कक्षाओं के छात्र शिक्षक के तरह वेषभूषा धारण करते हैं और विभिन्न शिक्षकों का किरदार निभाते हुए दूसरे कक्षाओं में विभिन्न विषय पढ़ाने जाते है। छात्रों द्वारा शिक्षकों का किरदार निभाने की यह परंपरा शिक्षक दिवस के उत्सव का मुख्य भाग है। इस दिन छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों के तरह दिखने के लिए, उन्ही के तरह की वेषभूषा धारण करते/करती हैं।
इस दिन छोटे छात्र अपनें वरिष्ठ छात्रों द्वारा कक्षा में पढ़ाने का इंतजार करते है, क्योंकि यह प्रतिदिन की तरह पढ़ाई नही होती बल्कि एक मजेदार अनुभव होता हैं, और इसी तरह के कार्यक्रमों के वजह से यह और भी ज्यादे मजेदार अनुभव बन जाता है। इस दिन विद्यालय के शिष्टाचार बनाये रखते हुए, कई तरह के खेलों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
मनोरंजक गतिविधियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस दिन विद्यालयों के दूसरी पाली में कई सारे सांसकृतिक कार्यक्रम और मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। जहां शिक्षक दर्शक के रुप में बैठे होते है और छात्र उनके मनोरंजन के लिए, विभिन्न प्रकार के मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
इस दिन नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, गाने गाये जाते है और अन्य कई प्रकार की मनोरंजक कार्य किये जाते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक और छात्र दोनो ही एक साथ मिलकर कई प्रकार के मजेदार खेलों में हिस्सा लेते है और एक-दूसरे के साथ अपने इस विशेष रिश्ते को और भी प्रगाढ़ करते हैं।
वैसे तो शिक्षक दिवस मनाने के कई तरीक है। इस दिन का लाभ उठाते हुए वरिष्ठ छात्र तय करते है कि शिक्षक दिवस के इस कार्यक्रम को कैसे मनाना है, जिससे कि शिक्षक इस दिन अपने आप को खास महसूस कर सके और स्कूल के मनोरंजक कार्यक्रमों का आनंद ले सके।
शिक्षक दिवस समारोह पर निबंध – 2 (400 शब्द)
हमारे देश में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। 5 सितंबर भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन की जंयती है, राष्ट्रपति और एक राजनेता होने के साथ ही वह एक सम्मानित शिक्षक और विद्वान भी थे। डॉ राधाकृष्णनन ने कई सारे नामी विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के रुप में कार्य किया। उन्हें उनके साथी शिक्षको और विद्यार्थियों के द्वारा काफी सम्मान दिया जाता था और जब वह भारत के राष्ट्रपति बने तब, उनके विद्यार्थियों ने उनसे निवेदन किया कि वह प्रत्येक वर्ष बड़े स्तर पर उनका जन्मदिन मनाना चाहते है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात कि अधिक प्रसन्नता होगी यदि उनके जन्म दिवस को शिक्षकों को समर्पित करके इसे शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाये। तो इस प्रकार से 1962 से हर पांच सितंबर को शिक्षक दिवस का यह कार्यक्रम मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक दिवस का बहुत ही बड़ा महत्व है, नीचे दिये कारणों से जाना जा सकता है, कि आखिरकार यह इतना महत्वपूर्ण क्यों हैः
- शिक्षको के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर
शिक्षक लगातार अपने छात्रों के भलाई के लिए कार्य करते है। छात्र शिक्षकों की प्रथम वरीयता होते हैं और वह इस बात का ध्यान रखते है कि प्रत्येक छात्र अकादमिक स्तर पर अच्छे गुण अपनाये और अनुशासन का पालन करें। शिक्षक हमें हमारे समग्र विकास के लिए खेलो और दूसरे गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। वह अपने छात्रों के भलाई के लिए जितना हो सके उतना करने का प्रयास करते हैं, इसलिए इस दिन उनके इन कार्यों के लिए छात्रों को आभार प्रकट करने का मौका मिलता है।
- सम्मान प्रकट करना
शिक्षक दिवस के दिन विद्यार्थी अपने शिक्षको के प्रति सम्मान प्रकट करतें है क्योंकि शिक्षक हमारे गुरु और परामर्शदाता के रुप में कार्य करते हैं और जीवन में हमें सही मार्ग भी दिखाते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों के सम्मान में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, धन्यवाद भाषण देते है और उपहार स्वरुप उन्हे फूलों का गुलदस्ता तथा कार्ड भेंट करते हैं।
- छात्र-शिक्षक के रिश्ते को प्रगाढ़ करना
शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है, जो छात्र और शिक्षक के इस रिश्ते को और भी ज्यादे मजबूत बनाता है यही कारण है की इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन छात्र अपने शिक्षको के तरह कपड़े पहनते और उनके स्थान पर पढ़ाते है, जिससे की उन्हे एक शिक्षक होने के कठिनाइयों का आभास होता है और इस तरह से वह अपने शिक्षकों के असली महत्व को समझ पाते है तथा उन्हे इस बात का आभास होता है कि उनके भलाई के लिए उनके शिक्षक ना जाने कितनी कठिनाईयों को सहते है। इन सब बातो से छात्रों का उनके शिक्षको के लिए सम्मान और भी बढ़ जाता है।
इसके अलावा इस दिन कई सारे खेलों और अन्य गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है, जिन्हे शिक्षक और छात्र साथ मिलकर खेलते है। जो कि उनके रिश्तों को और भी प्रगाढ़ करने का कार्य करता है।
इसलिए शिक्षक दिवस एक छात्र और शिक्षक के जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह वह दिन है जब अपने इन प्रयासो और कठिन कार्यों के लिए शिक्षको का विशेष सम्मान किया जाता है। इस दिन उन्हें विद्यार्थियों द्वारा विशेष सम्मान दिया जाता है और उनके लिए तमाम तरह के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
Shikshak diwas samaroh par nibandh – निबंध 3 (500 शब्द)
पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के उत्सव को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। शिक्षक और छात्र दोनो के लिए ही यह पर्व काफी खास होता है। हर वर्ष छात्र विभिन्न नये तरीको से इस उत्सव को मनाते हैं और इस दिन को अपने शिक्षको के लिए विशेष बनाने का प्रयास करते हैं।
शिक्षक दिवस मनाने के तरीके
शिक्षक दिवस रोज के स्कूली दिनो से बिल्कुल अलग होता है। इस दिन शिक्षक छात्रों को पढ़ाते नही बल्कि की इस दिन वह आराम करते है और विद्यालय परिसर में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आनंद लेते है।
- शिक्षको का किरदान निभाना
छात्रों द्वारा शिक्षको का वेश धारण करना शिक्षक दिवस के सबसे अहम भाग में से एक है। ज्यादेतर विद्यालयों में वरिष्ठ कक्षा के छात्र शिक्षको का वेश धारण करते है, इसमें जो बच्चे गणित में अच्छे होते है वह गणित शिक्षक का वेश धारण करते है। जो शिक्षक अंग्रेजी में अच्छे होते है वह अंग्रेजी के शिक्षको का वेष धारण करते है और अपने से नीचली कक्षाओं में जाते है और विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। इसके साथ कक्षा के दौरान वह कई सारी मनोरंजक गतिविधियों में भी भागीदार बनते है। शिक्षकों का किरदार निभाना छात्रों के लिए एक मजेदार अनुभव होता है। इसके साथ ही नीचले दर्जे के छात्रों के लिए यह दिन काफी मनोरंजक होता है, क्योंकि इस दिन उन्हे पढ़ाई नही करनी होती है, कुल मिलाकर देखे तो यह दिन सभी के लिए एक आनंददायी दिन होता है।
- पसंदीदा शिक्षको की तरह अभिनय करना
ना सिर्फ वरिष्ठ छात्र बल्कि कई विद्यालयों में निचले दर्जे के छात्रों को भी शिक्षकों के जगह पढ़ाने का अवसर मिलता है। उन्हे अपने पसंदीदा शिक्षकों की दो-तीन पंक्तियों को याद करने के लिए कहा जाता है और अपने शिक्षको के सामने वैसा ही बोलने के लिए कहा जाता है। वह छात्र जो बहुत ही अच्छे से यह कार्य पूरा करते है उन्हें विशेष पुरस्कार भी दिया जाता है। इस तरह के कार्य पूरे दिन को और भी मजेदार बना देते हैं।
विद्यालय की दूसरी पाली इस दिन मुख्यतः अन्य कई दूसरी गतिविधियों के लिए आरक्षित रहती है। इस दौरान शिक्षकों को विद्यालय के सभागार में बुलाया जाता है, जहा छात्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है। जिसमें नृत्य आयोजन, कविता पाठ, नाटक और फैंसी ड्रेस कंपटीशन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान कुछ शिक्षक द्वारा भी इस अवसर पर गायन और नृत्य भी किया जाता है।
इस अवसर पर म्यूजिकल चेयर, डंब चार्ड्स और पासिंग पार्सल जैसे खेल खेले जाते हैं। ज्यादेतर यह खेल शिक्षकों के साथ खेले जाते है और शिक्षको को पूरे उत्साह के साथ यह खेल खेलते हुए देख इस दिन का आनंद और भी बढ़ जाता है। शिक्षको और छात्रों के द्वारा एक साथ खेलने से उनके बीच का यह रिश्ता और भी मजबूत हो जाता हैं।
- तोहफे/उपहार
विद्यार्थी इस दिन अपने शिक्षकों का सम्मान करने के लिए उन्हें गुलदस्ते और कार्डस भेंट करते हैं। इसके अलावा जब छात्रों द्वारा कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद भाषण भी दिया जाता है। इसके साथ ही शिक्षकों द्वारा भी छात्रों को बेस्ट ड्रेस टीचर, मिस पोलाइट, मिस कूल आदि जैसे उपमाओं से नावाजा जाता है और इसके लिए उन्हे पुरस्कार भी दिया जाता है।
शिक्षक दिवस वह दिन है जब हमें अपने दैनिक स्कूली जीवन से विश्राम मिलता है। छात्रों और शिक्षकों दोनो के लिए ही यह एक मनोरंजक दिन होता है और दोनो साथ मिलकर इस विशेष अवसर का खुब लुफ्त उठाते हैं।
शिक्षक दिवस समारोह पर निबंध – 4 (600 शब्द)
शिक्षकों का अपने छात्रों के जीवन के जीवन में एक खास प्रभाव होता है। एक शिक्षक वह होता है, जो अपने छात्रों के भविष्य को सवारता है और उन्हें एक आत्मविश्वासी इंसान बनाता है, दूसरे शब्दों में कहें तो एक शिक्षक वह होता है जो हर परिस्थिति में छात्रों को प्रेरित करने का कार्य करता है। इसी तरह एक शिक्षक अपने छात्रों में अनुशासन भी पैदा करता है अगर एक शिक्षक गंभीर नही होगा तो उसके छात्र भी वैसे ही लापरवाह बन जायेंगे।
शिक्षकों के छात्रों के पढ़ाने के लिए कुछ गुणों का होना बहुत ही आवश्यक है। उन्हे अपने जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ निभाना बखुबी आना चाहिए।
शिक्षक के गुण
यहा शिक्षक के कुछ गुणों के विषय में बताया गया है जो उनमें अवश्य होनी चाहिएः
- आकर्षक व्यक्तित्व
एक शिक्षक के अंदर आकर्षक और मनोहर व्यक्तित्व का होना बहुत ही आवश्यक है। यह पहला और सबसे जरुरी गुण है जो एक शिक्षक के अंदर होना चाहिए। छात्रों के साथ अच्छा संबध बनाने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है क्योंकि छात्र मदद के लिए हमेशा किसी सकरात्मक और प्रभावी व्यक्ति की तलाश करते हैं।
एक शिक्षक का अनुशासी होना बहुत आवश्यक है। उसे समय पर विद्यालय आना चाहिए, तथा हर कार्य को समय पर पूरा करना चाहिए। जब एक शिक्षक के अंदर अनुशासन होगा, तो वह अपने छात्रों को भी यह अनुशासन प्रदान कर पायेगा।
- छात्रों को संभालने का कौशल
यह एक दूसरा सबसे जरुरी गुण है, जो एक शिक्षक के भीतर होना चाहिए। एक शिक्षक को यह पता होना चाहिए कि छात्रों को कैसा संभाला जाता है। उसका कठोर होने के साथ ही शांत होना भी आवश्यक है। इसके साथ ही एक शिक्षक का धैर्यवान होना भी जरुरी है, जिससे वह अपने छात्रों की बाते सुन सके और इस तरीके से यह गुण बहुत ही आवश्यक है।
- अपने विषय पर अच्छी पकड़
यह भी शिक्षकों के आवश्यक गुणों में से एक है कि उसे अपने विषय की पूरी जानकरी हो। एक शिक्षक का उसके विषय पर अच्छी पकड़ का होना बहुत आवश्यक है, ताकि वह तुरंत अपने छात्रों के सवालो का जवाब दे सके।
- अच्छा शिक्षण कौशल
एक शिक्षक के पास सिर्फ अपने विषय का ज्ञान ही नही होना चाहिए बल्कि की उसे यह भी पता होना चाहिए की अपने छात्रों को इसे अच्छे से कैसे समझायें। इसलिए एक शिक्षक के अंदर शिक्षण कौशल का होना बहुत ही आवश्यक है।
- अच्छा प्रबंधन कौशल
एक शिक्षक के अंदर अच्छे प्रबंधन कौशल का होना भी बहुत आवश्यक है, ताकि वह एक साथ कई कार्यों को सभांल सके।
एक शिक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियां
- बच्चों को शिक्षा प्रदान करना
एक शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने छात्रों को काफी सावधानी से पढाये ताकि वह एक अच्छे इंसान के रुप में बड़े हो और अपने क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर सके।
- अनुशासन उत्पन्न करना
एक शिक्षक को आवश्यक रुप से अपने छात्रों में अनुशासन उत्पन्न करना चाहिए। अनुशासन बहुत ही ज्यादे आवश्यक है, जो छात्र इसे सीख जाते हैं वह हमेशा ही अच्छा प्रदर्शन करते हैं। यह एक ऐसा गुण है जिसे शिक्षकों को हर छात्र के भीतर पैदा करना चाहिए।
- छात्रों की दिलचस्पी और क्षमता को पहचानना
एक शिक्षक को यह बात आवश्यक रुप से समझनी चाहिए की हर बच्चा दूसरे से अलग होता है और एक शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षमता को पहचाने तथा उन्हे उनके उन विषयो और कौशल को निखारने के लिए प्रोत्साहित करे, जिसमें कि वह और भी अच्छा कर सकते हैं।
- छात्रों को प्रेरित करना
शिक्षकों को छात्रों को एक प्रेरित करने वाले बल के रुप में कार्य करना चाहिए। उन्हें छात्रों को समय-समय पर प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाने चाहिए।
- पूर्ण रुप से भाग लेना
एक शिक्षक को इस बात का ख्याल रखना चाहिए की वह पूरे कक्षा के बच्चों के साथ घुले-मिले। उसे अपने हर छात्र को समान अवसर प्रदान करना चाहिए और सिर्फ कुछ बच्चों को आगे बढ़ाने के जगह, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बच्चे विभिन्न प्रकार के स्कूली गतिविधियों में हिस्सा ले, जिससे की उनका समग्र विकास हो सके।
शिक्षक एक देश के भविष्य निर्माण का कार्य करते हैं। उनका चयन बहुत ही सावधानी से होना चाहिए। विद्यालय चाहे बड़ा हो या छोटा पर सदैव इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जो उम्मीदवार शिक्षक के पद के लिए चयनित किए जा रहे वह इसके मापदंडो पर खरे उतरते हों। एक शिक्षक को अनुशासित, परिश्रमी और केंद्रित होना चाहिए। अपने विषयों पर उनकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए और इसके साथ ही उनके अंदर अच्छा शिक्षण कौशल होना चाहिए। इसके अलावा उनके अंदर आकर्षक व्यक्तित्व का होना आवश्यक है और उन्हे इस बात का पता होना चाहिए की कक्षा के दौरान छात्रों से कैसे घुले-मिले जिससे की एक शिक्षक के रुप में वह अपने दायित्व को अच्छे से निभा सके।
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FAQs: Frequently Asked Questions
उत्तर – भारत के दूसरे राष्ट्रपति का नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन था।
उत्तर – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत के पहले उपराष्ट्रपति का पद सौंपा गया था।
उत्तर – उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था।
उत्तर – सत्य की खोज, भारतीय दर्शन, जीवन का हिंदू दृष्टिकोण आदि उनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें हैं।
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टीचर्स डे पर निबंध- इस लेख हम टीचर्स डे का इतिहास, भारत में टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है, समाज और एक बच्चे के जीवन में गुरु का महत्व क्या है इस के बारे में जानेगे |
शिक्षक दिवस पर 10 लाइन हिंदी में
- भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
- शिक्षक दिवस अपने शिक्षकों को सम्मान देने और उनकी महत्ता का अहसास दिलाने के लिए ही मनाया जाता है।
- भारत 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहा है।
भारतीय शिक्षा में अभूतपूर्ण योगदान देने के कारण ही सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन ही भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
- इस दिन नेता और प्रसिद्ध हस्तियां डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
- इस दिवस पर छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं और सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें उपहार देते हैं।
- पूरे भारत के छात्र इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
- दुनिया भर में करीब सौ से ज्यादा देश शिक्षक दिवस मनाते हैं।
- विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
- शिक्षक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था।
Short Essay on teachers day in Hindi शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में
शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद : दुनिया भर के कई देश शिक्षकों और समाज में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए अलग-अलग तारीखों पर शिक्षक दिवस मनाते हैं। भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल होता है। डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे । उन्होंने भारतीय शिक्षा में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
भारत शुरू से ही एक गुरुप्रधान देश रहा है चाहे कबीर हो या रैदास सब ने ही गुरु को अपना सर्वस्व माना है, इन दोनों कवियों ने गुरु को भगवान से बढ़कर बताया है। गुरु वह शख्सियत है जो किसी व्यक्ति के मन, वचन और कर्म से अज्ञान रूपी अंधेरा हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश करता है।
शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद – कक्षा 1, 2, और 3 के बच्चों के लिए 100 शब्दों में
हमारे शिक्षक हमारे जीवन में एक महान और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे ज्ञान और आत्मविश्वास को बढ़ाने में हमारी सहायता करते हैं और साथ ही सफलता पाने के लिए हमें सही आकार देते हैं।
इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए भारत एवं संपूर्ण विश्व में टीचर्स डे नाम से एक विशेष उत्सव मनाया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल होता है। बच्चे अपने शिक्षक को मान-सम्मान देने के लिए स्पीच और उपहार देते है। शिक्षक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था।
शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद – कक्षा 4 और 5 के बच्चों के लिए 150 शब्दों में
शिक्षक दिवस के दिन बच्चे अपने सभी शिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मान देते है । भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। स्कूल और कॉलेजों के छात्र शिक्षक दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपना प्यार और सम्मान देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं और उनके निष्ठावान योगदान के लिए छात्र उन्हें फूल और अन्य उपहार देकर अपना आभार प्रकट करते है।
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वे एक महान शिक्षक थे। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक किया और बाद में, उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाया, जहाँ वे छात्रों के बीच लोकप्रिय थे। पहला शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था, जिस वर्ष राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना पद ग्रहण किया था। राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और राजेंद्र प्रसाद के बाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने।
शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद – कक्षा 6, 7, और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
दुनिया भर के लगभग 100 से ज्यादा देश टीचर्स डे को मनाते हैं। सभी देश अलग-अलग तारीखों पर टीचर्स डे मनाते हैं। इस दिन अध्यापकों को सामान्य रूप से और कतिपय कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया जाता है।
देश में शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्मदिन है। राधाकृष्णन शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे तथा उन्होंने भारत के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रमुख पदों पर कार्य किया। पहला शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था जिस वर्ष राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना पद ग्रहण किया था। राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति थे और राजेंद्र प्रसाद के बाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। तब उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय क्यों न इसे शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति मेरे समर्पण के रूप में मनाया जाए। उनके इस बयान के बाद से पूरे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हो गई है।
शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद – कक्षा 9, 10, 11, 12 और प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
शिक्षक दिवस समाज में शिक्षकों को सम्मान देने और शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों को याद करने के लिए मनाया जाता है। हर देश किसी स्थानीय शिक्षक या शिक्षा के क्षेत्र में हासिल किए गए मील के पत्थर की याद में एक तारीख को शिक्षक दिवस मनाता है।
अध्यापक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अनसंग हीरो होता है। अध्यापक की महत्ता की तुलना हम एक कुम्हार से कर सकते हैं, जैसे एक कुम्हार बेकार मिट्टी को गढ़ के सुंदर खिलौना या बर्तन बनाता है ठीक उसी प्रकार एक अध्यापक एक बच्चे के आंतरिक अंतर्मन को गढ़ कर उसको एक आदर्श इंसान बनाता है।
शिक्षक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था और समाज में प्राचीन काल से ही गुरु का स्थान सबसे ऊपर रहा है, स्वयं राजा महाराजाओं ने भी गुरु को खुद से ऊपर का दर्जा दिये हैं। प्राचीन काल में प्रत्येक राज्य में एक कुलगुरु रहते थे, जिनका कार्य राजाओं के बच्चों को वेद, पुराण, शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा देना होता था।
गुरु के महत्व के बारे में जितने शब्द कहो सब कम ही पड़ जाते हैं क्योंकि भगवान जब जब धरती पर अवतरित हुए हैं तो संपूर्ण ज्ञान से परिपूर्ण होते हुए भी उनको किसी न किसी गुरु के सानिध्य में जाना ही पड़ा है, फिर चाहे वो भगवान श्री राम हो, कृष्ण जी हो या हनुमान जी हो।
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वह एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे, जिन्होंने भारत और दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रमुख पदों पर कार्य किया। भारतीय शिक्षा में अभूतपूर्ण योगदान देने के कारण ही सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन ही भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन नेता और प्रसिद्ध हस्तियां डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। भारत में 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
टीचर्स डे पर निबंध 1500 Words
एक बच्चे के जीवन में माता पिता के बाद एक अध्यापक का ही स्थान होता है।
एक छोटा बच्चा मिट्टी के पुतले के जैसा होता है, जिसको मानसिक और नैतिक रूप से एक अध्यापक ही मजबूत बनाता है।
अध्यापक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अनसंग हीरो होता है। अध्यापक की महत्ता की तुलना हम एक कुम्हार से कर सकते हैं, जैसे एक कुम्हार बेकार मिट्टी को गढ़के सुंदर खिलौना या बर्तन बनाता है ठीक उसी प्रकार एक अध्यापक एक बच्चे के आंतरिक अंतर्मन को गढ़कर उसको एक आदर्श इंसान बनाता है।
भारत शुरू से ही एक गुरुप्रधान देश रहा है चाहे कबीर हो या रैदास सब ने ही गुरु को अपना सर्वस्व माना है, इन दोनों ही कवियों ने गुरु को भगवान से बढ़कर बताया है।
कबीर जी का एक प्रसिद्ध दोहा सबको याद ही होगा, अगर नही याद तो चलिए याद दिला देता हूं;
“गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए”
इस दोहे का अर्थ है कि, “अगर गुरु और भगवान दोनो मेरे सामने आ जाए और पूछे कि किसके पैर आगे पड़ोगे तो मैं अपने गुरु के पैर आगे छूंगा क्योंकि अगर गुरु न होते तो मुझे कौन बताता कि इस दुनिया में भगवान हैं।”
भारत एवं संपूर्ण विश्व में ही अध्यापकों को शुक्रिया अदा करने के लिए टीचर्स डे नाम का एक विशेष पर्व मनाया जाता है, भारत में टीचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है।
इस लेख में हम आपको इसी टीचर्स डे का इतिहास, टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है, आदर्श गुरु के लक्षण, टीचर्स डे का महत्व और भारत में टीचर्स डे कैसे मनाया जाता है के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
संकेत बिंदु (Contents)
° प्रस्तावना ° टीचर्स डे का इतिहास ° भारत में टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है ° टीचर्स डे का महत्व ° भारत में टीचर्स डे कैसे मनाया जाता है ° उपसंहार
अध्यापक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था।
गुरु शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, गु+रु। अब इसका अगर अर्थ निकाला जाए तो इसका अर्थ बड़ा ही स्पष्ट है, गु अर्थात् अंधेरा और रु अर्थात् दूर करने वाला। इसका संपूर्ण भावार्थ निकाला जाए तो इसका अर्थ होगा, गुरु वह शख्सियत है जो किसी व्यक्ति के मन, वचन और कर्म से अज्ञान रूपी अंधेरा हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश करता है।
भारतीय संस्कृति और समाज मे प्राचीन काल से ही गुरु का स्थान सबसे ऊपर रहा है, स्वयं राजा महाराजाओ ने भी गुरु को खुद से ऊपर का दर्जा दिये हैं। प्राचीन काल में प्रत्येक राज्य में एक कुलगुरू रहते थे, जिनका कार्य राजाओं के बच्चों को वेद, पुराण, शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा देना होता था। हालांकि, पुराने समय में गुरु शब्द केवल राजाओं तक ही सीमित थे, आम लोगों को गुरु एवं शिक्षा जैसी कोई सुविधा नहीं मिलती थी।
गुरु के महत्व के बारे में जितने शब्द कहो सब कम ही पड़ जाते हैं क्योंकि भगवान जब जब धरती पर अवतरित हुए हैं तो संपूर्ण ज्ञान से परिपूर्ण होते हुए भी उनको किसी न किसी गुरु के सानिध्य में जाना ही पड़ा है, फिर चाहे वो भगवान श्री राम हो, कृष्ण या हनुमान जी।
हालांकि प्राचीन काल से अब की स्थिति व गुरु का स्थान और भूमिका में बदलाव आया है, पहले गुरु अपने शिष्यों से शिक्षा समाप्त होने के बाद गुरु दक्षिणा मांगते थे, तो अब हर महीने गुरु दक्षिणा के स्थान पर फीस लगती है।
अब शिष्यों का दृष्टिकोण भी बदला है, जहां पहले गुरु चाहे जो सजा दे दे शिष्य कभी उनका विरोध नही करते थे, विरोध करना तो दूर उनके सामने हमेशा सिर नीचे करके ही खड़े रहते थे। वहीं आज ये परिदृश्य बदल चुका है, आज शिष्य अपने अध्यापकों की बेइज्जती यहां तक कि मारपीट भी करते हैं।
टीचर्स डे अपने अध्यापकों को सम्मान देने और उनकी महत्ता का अहसास दिलाने के लिए ही मनाया जाता है।
टीचर्स डे का इतिहास
1944 के आसपास, रयान क्रुग नाम के एक विस्कॉन्सिन के शिक्षक ने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए एक राष्ट्रीय दिवस की आवश्यकता के बारे में राजनीतिक और शिक्षा नेताओं के साथ संवाद करना शुरू किया।
वुडब्रिज ने एलेनोर रूजवेल्ट को एक पत्र लिखा, जिन्होंने सन् 1953 में 81वीं कांग्रेस दिवस को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित करने के लिए राजी किया। विश्व शिक्षक दिवस मनाने के लिए, यूनेस्को और एजुकेशन इंटरनेशनल हर साल दुनिया को शिक्षकों की बेहतर समझ और छात्रों और समाज के विकास में उनकी भूमिका निभाने में मदद करने के लिए एक अभियान चलाते हैं। वे इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए निजी क्षेत्र, जैसे मीडिया संगठनों के साथ भागीदारी करते हैं। यह अभियान हर साल विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है।
उदाहरण के लिए, “ शिक्षकों का सशक्तिकरण ” टीचर्स डे-2017 का विषय है।
यह वह वर्ष था जब विश्व शिक्षक दिवस ने उच्च शिक्षा शिक्षण कर्मियों की स्थिति से संबंधित 1997 की यूनेस्को की सिफारिश की 20 वीं वर्षगांठ मनाई।
2018 के लिए, यूनेस्को ने विषय को अपनाया: “शिक्षा के अधिकार का अर्थ है एक योग्य शिक्षक का अधिकार।” यह मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (1948) की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हम प्रशिक्षित शिक्षकों के बिना शिक्षा के अधिकार को महसूस नहीं कर सकते।
भारत में टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है
दुनिया भर के लगभग 100 से ज्यादा देश टीचर्स डे को मनाते हैं। भारत भी टीचर्स डे को हर साल 5 सितंबर को मनाता है।
पहला शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था, जिस वर्ष राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना पद ग्रहण किया था। राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे और राजेंद्र प्रसाद के बाद देश के दूसरे राष्ट्रपति बने।
5 सितंबर 1882 को, सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म आंध्र प्रदेश के तिरुतानी में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक किया और बाद में, उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाया, जहाँ वे छात्रों के बीच लोकप्रिय भी थे।
राधाकृष्णन ने आंध्र विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य किया। उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ईस्टर्न रिलीजन के प्रोफेसर, स्पाल्डिंग की जगह लेने के लिए भी बुलाया गया।
टीचर्स डे का महत्व
शिक्षक दिवस का विशेष महत्व है । यह उन शिक्षकों के प्रयासों का सम्मान करने और उन्हें महत्व देने का दिन है जो साल भर अथक परिश्रम करते हैं। शिक्षकों की नौकरी दुनिया की सबसे कठिन नौकरियों में से एक है क्योंकि उन्हें युवा दिमाग को पोषित करने की जिम्मेदारी दी जाती है। उन्हें छात्रों से भरी कक्षा दी जाती है। प्रत्येक छात्र अद्वितीय है और उसकी क्षमता अलग है।
कुछ छात्र खेल में अच्छे हो सकते हैं अन्य गणित के प्रतिभाशाली हो सकते हैं जबकि अन्य अंग्रेजी में गहरी रुचि दिखा सकते हैं। एक अच्छा शिक्षक छात्रों को उनकी रुचि का पता लगाने और उनकी क्षमताओं की पहचान करने में मदद करता है।
वह छात्रों को उन विषयों या गतिविधियों में अपने कौशल को सुधारने के लिए प्रोत्साहित करती है जिनमें वे रुचि रखते हैं और साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि वे अन्य विषयों या शिक्षाविदों की समग्र रूप से उपेक्षा नहीं करते हैं।
इस पेशे से जुड़े लोगों को टीचर्स डे नामक एक विशेष दिन समर्पित करने का कारण उन्हें सम्मान देना और आभार व्यक्त करना है। शिक्षक दिवस का बहुत महत्व है। निम्नलिखित कारणों की वजह से इसे महत्वपूर्ण माना जाता है:
आभार व्यक्त करने का तरीका
शिक्षक अपने छात्रों को अच्छी तरह से पोषित करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत करते हैं। शिक्षक के लिए छात्र पहले आते हैं और वे यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक छात्र अच्छी आदतों और अनुशासन को विकसित करे और अकादमिक रूप से अच्छा करे। वे उन्हें उनके सर्वांगीण विकास के लिए खेल और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं।
वे अपने छात्रों को विकसित करने में मदद करने की पूरी कोशिश करते हैं। यह दिन छात्रों द्वारा उनके लिए किए गए सभी कार्यों के लिए शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का तरीका है।
सम्मान की भावना व्यक्त करने का तरीका
शिक्षक दिवस पर, छात्र उन शिक्षकों को सम्मान देते हैं जो उनके गुरु के रूप में कार्य करते हैं और उन्हें जीवन में सही दिशा दिखाते हैं। छात्र सम्मान के प्रतीक के रूप में अपने शिक्षकों को धन्यवाद भाषण और उपहार गुलदस्ते, कार्ड और अन्य अनुकूलित उपहार आइटम वितरित करते हैं।
छात्र-शिक्षक बंधन को मजबूत करने का एक तरीका
शिक्षक दिवस ही एक ऐसा दिन है जो छात्र-शिक्षक बंधन को मजबूत करता है। इस कारण भी यह महत्वपूर्ण है। छात्र इस दिन शिक्षक के रूप में तैयार होते हैं और व्याख्यान देते हैं और ऐसा करने से वे शिक्षक होने की कठिनाइयों को समझते हैं। वे अपने शिक्षकों के वास्तविक मूल्य और उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत और प्रयासों को समझते हैं। इससे उनके शिक्षकों के प्रति सम्मान बढ़ता है।
इस दिन शिक्षकों और छात्रों से जुड़े कई खेल और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। छात्र और शिक्षक इन्हें एक साथ खेलते हैं और इस तरह उनके बीच एक अच्छा रिश्ता बन जाता है। यह उनके बंधन को मजबूत करने का एक शानदार तरीका है।
भारत में टीचर्स डे कैसे मनाया जाता है
भारत भर के स्कूलों में छात्र शिक्षक दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। छात्र इस दिन अपने पसंदीदा शिक्षकों की तरह तैयार होते हैं और जूनियर कक्षाओं में जाते हैं। उन्हें अलग-अलग कक्षाएं सौंपी जाती हैं जहां वे जाते हैं और इस दिन पढ़ाते हैं।
सीनियर विंग और जूनियर विंग दोनों के छात्रों के लिए यह बहुत मजेदार पल होता है। वे इन सत्रों के दौरान अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल होते हैं। वरिष्ठ छात्र यह सुनिश्चित करते हैं कि स्कूल का अनुशासन पूरे समय बना रहे और जूनियर उसी में उनका सहयोग करें। कई स्कूलों में, जूनियर छात्र भी विभिन्न शिक्षकों के रूप में तैयार होते हैं और उन्हें अपनी भूमिका निभाने के लिए कहा जाता है।
प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और सबसे अच्छी पोशाक और भूमिका निभाने वाला वही जीतता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर कई अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। ये गतिविधियाँ आमतौर पर दिन के दूसरे भाग में होती हैं। पहली छमाही के दौरान, वरिष्ठ छात्र कक्षाएं लेते हैं जबकि शिक्षक आराम करते हैं और स्टाफ रूम में मस्ती करते हैं।
टीचर्स भी खूबसूरती से सजे-धजे नजर आ रहे हैं। उनमें से ज्यादातर एक साड़ी या कुछ अन्य विशेष पोशाक पहनते हैं और शानदार हेयर स्टाइल के लिए जाते हैं। उनके स्वागत के लिए स्कूलों को अच्छी तरह से सजाया जाता है। छात्र विशेष रूप से इस अवसर के लिए कक्षाओं को सजाने के लिए एक दिन पहले स्कूल के बाद वापस आ जाते हैं। वे कक्षाओं को सजाने के लिए विभिन्न नवीन तरीकों को लागू करते हैं और दिन के लिए रचनात्मक गतिविधियों के साथ भी आते हैं। वे उसी दिन से शिक्षक दिवस समारोह की तैयारी शुरू कर देते हैं।
कई स्कूलों में, छात्र नृत्य प्रदर्शन देते हैं, नाटक करते हैं, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित करते हैं, भाषण देते हैं और कई अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं, जबकि शिक्षक उन्हें प्रदर्शन करते हुए देखते हैं। कुछ स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों के लिए सामूहिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यह सब बहुत अधिक मजेदार होता है। वे अलग-अलग खेल खेलते हैं और एक साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल होते हैं और उसी पर अच्छी तरह से रम जाते हैं।
छात्र इस विशेष अवसर पर अपने शिक्षकों के लिए ग्रीटिंग कार्ड, फूल और अन्य उपहार सामग्री भी लाते हैं। शिक्षकों को भी अपने छात्रों से विभिन्न प्रकार के रंगीन उपहार प्राप्त करने में खुशी होती है।
तो हमें पता चला है कि शिक्षक दिवस हर व्यक्ति के जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि देश का हर व्यक्ति चाहे वह युवा हो या बूढ़ा, किसी न किसी दिन छात्र रहा है। हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इस दिन को उत्साह और सम्मान के साथ मनाना चाहिए। उन्हें महंगे उपहार देना जरूरी नहीं है लेकिन उन्हें खुश करने के लिए केवल सम्मान की भावना ही काफी है। एक छात्र और शिक्षक का रिश्ता हमारे देश में सबसे महत्वपूर्ण चीज है, जो भारत को विश्वगुरु बने रहने के लिए लंबे समय तक बनाए रखने की जरूरी है।
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शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi): टीचर्स डे पर 200, 500 और 1000 शब्दों में हिंदी में निबंध लिखें
Updated On: October 08, 2024 04:41 PM
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शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words)
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- भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
- यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
- वह एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे।
- एक छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- शिक्षक समाज की रीढ़ हैं।
- शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को पुरस्कृत करके या उनके बारे में दो शब्द कहकर उन्हें सम्मान देते हैं।
- स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
- इस दिन छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
- छात्र शिक्षकों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के लिए शुभकामनाएं और उपहार देते हैं।
- शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के बीच विशेष बंधन का उत्सव है।
Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?
Say goodbye to confusion and hello to a bright future!
आप अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारें। हम सब राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के उन महान शिक्षकों को समर्पित है, जिन्होंने हमारे देश की उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर, 1888) को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
देश में पहली बार 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था और तभी से पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसी साल मई में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश के दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है
हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।
शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने की सरल प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, छात्र यहां दिए गए सैंपल का उपयोग करके शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध लिखना सिख सकते हैं।
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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day essay in hindi): शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में लिखें
भारत में प्राचीन काल से ही गुरु-शिष्य की परंपरा का बहुत अधिक महत्व रहा है। यहां गुरुओं को हमेशा से विशेष स्थान दिया गया है। यहां तक कि उन्हें भगवान और माता-पिता से भी ऊपर माना गया है। ऐसे में शिक्षक दिवस भारत देश में कोई आम दिन नहीं रह जाता। देश भर में शिक्षकों और गुरुओं के प्रति अगाध आस्था है, जिसके चलते उनको बहुत सम्मान दिया जाता है और शिक्षक दिवस भारत देश में विशेष महत्व का दिन बन जाता है। यही वजह है कि शिक्षक दिवस पर भारत के हर छोटे-बड़े स्कूल, कोचिंग सेंटर, कॉलेज आदि के छात्र इस दिन को विशेष बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। हिंदी दिवस पर कविता | हिंदी दिवस पर भाषण | हिंदी दिवस पर निबंध
शिक्षक दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें?
शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi), शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाते हैं, शिक्षक दिवस कोट्स (teachers day quotes in hindi), शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi), शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card in hindi) - संदेश लिखें.
शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी अपने गुरुओं, शिक्षकों तथा मार्गदर्शकों को याद करते हैं। कई स्टूडेंट शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card) बना कर अपने प्रिय शिक्षक को शुभकामना के तौर पर देते हैं। इस निबंध में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है, शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे तैयार करें, शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day essay in Hindi) तैयार करने के लिए उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई गई है। शिक्षक दिवस पर भाषण | फेयरवेल स्पीच
शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी अपने जीवन में शिक्षकों के योगदान और उनसे जुड़े अपने अनुभव साझा करते हैं, गुरुओं के महत्व और इसे मनाए जाने के कारण को भी शिक्षक दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में जगह दी जाती है। इस दिन आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान छात्र अपने शिक्षकों के सामने शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak divas per speech) भी देते हैं। कई जगहों पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जहां छात्रों को शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में या फिर शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi) में बोलने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा इस दिन के विशेष महत्व की वजह से कई बार स्कूलों में परीक्षा में शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (teachers day essay in hindi) लिखने के लिए भी कहा जाता है।
ये भी देखें :
- लोकमान्य तिलक पर भाषण
- स्वामी विवेकानंद पर निबंध पढ़ें
- नेशनल स्पेस डे पर हिंदी में निबंध देखें
कुल मिलाकर देखा जाए तो शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) एक ऐसा विषय है जिस पर हर छात्र से कभी न कभी प्रश्न तो पूछा ही जाता रहा है। कभी किसी परीक्षा में अच्छे अंकों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) लिखने को कहा जाता है, तो कभी सर्दी या गर्मियों की छुट्टियों में होमवर्क के तौर पर शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) लिखने का कार्य दे दिया जाता है। इसके अलावा कभी-कभी तो रिश्तेदारों के सामने अभिभावक ही बच्चों से शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) लिखने या शिक्षक दिवस भाषण देने या शिक्षक दिवस पर विचार व्यक्त करने को कह देते हैं।
कुछ ऐसे भी छात्र होते हैं जिनकी हिंदी बेहतर नहीं होती है, ऐसे में उन्हें शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (teachers day essay in hindi) या फिर शिक्षक दिवस पर भाषण हिंदी में (teachers day speech in hindi) तैयार करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। असल में शिक्षक दिवस पर निबंध और शिक्षक दिवस पर भाषण की सामग्री में विशेष अंतर नहीं होता, अंतर होता है अभिव्यक्ति के माध्य में। शिक्षक दिवस पर निबंध में विचार जहां लिखकर व्यक्त किए जाते हैं, वहीं शिक्षक दिवस पर भाषण में उन्हें बोलकर बताया जाता है। शिक्षक दिवस पर भाषण में विचार जिस मंच पर साझा किया जाना है, उसके श्रोताओं का भाषण के शुरू और अंत में अभिवादन करने की भी आवश्यकता होती है। शेष बातें शिक्षक दिवस पर निबंध और भाषण में एक जैसी ही रहेंगी।
उपयोगी लिंक
- मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध
- हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें
- राष्ट्रीय खेल दिवस
यही वजह है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर पूर्ण ज्ञान प्रदान करने और आपकी जानकारी को बढ़ाने के लिए हम इस 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) लिखने का छोटा सा प्रयास कर रहे हैं। शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) से आपके अंदर न सिर्फ शिक्षक दिवस पर निबंध (teachers day essay in hindi), बल्कि अन्य विषयों पर भी निबंध को लिखने की एक समझ विकसित होगी, जिससे आपका मनोबल भी ऊंचा होगा। हालांकि, हम आपसे अनुरोध करेंगे कि बजाय इसके कि आप इस शिक्षक दिवस निबंध (shikshak diwas nibandh) को पूरा कॉपी करें, बेहतर होगा कि इस शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) का उपयोग, बस ज्ञान लेने व शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (shikshak diwas essay in hindi) लिखने व समझने की सामग्री के तौर पर करें।
ऐसा इसलिए क्योंकि इस विषय को बेहतर तरीके से समझ लेने से न सिर्फ आप आज, बल्कि भविष्य में भी अपने चयनित शब्दों में एक बेहतरीन शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) लिखने के साथ-साथ शिक्षक दिवस पर भाषण भी बेहद आसानी से लिख व दे पाएंगे। इस लेख में शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों (teachers day essay in hindi in 100 words) में या फिर शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi) लिखने या बोलने हेतु शिक्षक दिवस के लिए सभी महत्वपूर्ण बिंदु भी दिए गए हैं, जोकि आपको इस लेख के अंत में मिलेंगे।
महत्वपूर्ण लेख :
- 10 वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
- 12 वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
- 10वीं क्लास से नीट की तैयारी कैसे करें
शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) की शुरुआत करने से पहले आइए सबसे पहले शिक्षक दिवस के इस मौके पर पूज्य शिक्षकों की स्तुति करते हुए शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करें। इसके लिए दोनों हाथों को जोड़कर निम्नलिखित मंत्रों का पाठ करें :
1 - गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
2 - ॥ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्॥
आपको बताते चलें कि निम्नलिखित लेख शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day) के प्रारूप में लिखा गया है। हालांकि आप इसका उपयोग शिक्षक दिवस पर भाषण हिंदी में (teachers day speech in hindi) देने के लिए भी कर सकते हैं। शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak divas per speech) देने से पहले निम्नलिखित निबंध से पहले भाषण स्थल पर मौजूद अतिथि व दर्शकों / श्रोताओं का अभिवादन करें। इसके बाद निम्नलिखित शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak divas nibandh) का उपयोग आप शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak divas per speech) की तरह कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण लेख:
- बिहार बोर्ड 10वीं टाईमटेबल देखें
- छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं टाइम टेबल
- एमपी बोर्ड 10वीं टाईमटेबल देखें
- एमपी बोर्ड 12वीं टाईमटेबल देखें
शिक्षक दिवस का क्या महत्व है? (Importance of teachers day)
शिक्षक का हर मानव के जीवन में विशेष स्थान होता है। यह शिक्षक ही है, जो किसी मनुष्य को इंसान बनाता है। शिक्षक का स्थान मानव जीवन में भगवान और माता-पिता से भी ऊपर है। यही वजह है कि शिक्षक के बारे में जितना भी कहा जाए कम ही है। तभी तो स्वयं कबीर दास जी इस विषय पर कहते हैं:-
सब धरती कागज करूँ, लिखनी सब बनराय।
सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय॥
इसका अर्थ यह है कि यदि सम्पूर्ण पृथ्वी को कागज के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए, साथ ही सातों समुद्र की स्याही बना ली जाए और क्यों न सभी जंगलों की कलम भी बना ली जाए, लेकिन इसके बावजूद भी शिक्षक की महिमा का संपूर्ण गुणगान किया जा सके, यह मुमकिन नहीं है।
भारत में प्राचीन काल से ही गुरु-शिष्य की परंपरा का बहुत अधिक महत्व रहा है। हमारी संस्कृति के निमार्ण में गुरु-शिष्य परंपरा का बहुत अधिक योगदान है। मानव के जीवन निर्माण के सभी स्तंभों में शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसलिए ही कहा जाता है कि -
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि इंसान की सबसे पहली गुरु उसकी माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही विशाल और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं। इसलिए ही कबीर कहते हैं :
गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि-गढ़ि काढ़ै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट॥
इस दोहे का अर्थ यह है कि शिक्षक उस कुम्हार की तरह है जो अपने छात्र रूपी घड़े की कमियों को दूर करने के लिए भीतर से हाथ का सहारा देकर बाहर से थापी से चोट करता है। ठीक इसी तरह शिक्षक भी कभी-कभी शिक्षक छात्रों पर क्रोध करके भी उसके चरित्र का निर्माण करते हैं तथा उन्हें बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। यही वजह है कि शिक्षक और शिक्षक दिवस का महत्व भारतीय संस्कृति में कहीं ज्यादा है।
यह तो हुई शिक्षक की विशेषताओं के बारें में चर्चा अब शिक्षक दिवस का आरंभ और यह क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में विचार करते हैं।
भारत में सबसे पहले शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया था। भारत में भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म दिवस अर्थात 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से अपने जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस मनाने की इच्छा जताई थी। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। डॉ. राधाकृष्णन का निधन चेन्नई में 17 अप्रैल, 1975 को हुआ था। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के सम्मान में ही उनके जन्म दिवस पर भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
वैसे तो विश्व भर में 100 से भी अधिक देशों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, मगर अन्य देशों में यह दिवस अलग-अलग दिन पर मनाया जाता है। भारत में यह दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में मनाया जाता है। इस दिन विश्व के सभी शिक्षकों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए भी सम्मानित किया जाता है।
शिक्षक, शिक्षक दिवस और जनहित में उनका योगदान
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण कहा करते थे कि : “पुस्तकें वह साधन हैं, जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के मध्य पुल बनाने का कार्य कर सकते हैं।”
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण का यह कथन न सिर्फ सत्य और अपने आप में प्रासंगिक है, बल्कि दो संस्कृतियों के साथ-साथ मनुष्यों के मध्य भी बेहतर संबंधों का निर्माण करने हेतु शिक्षा बहुत आवश्यक है।
शिक्षा के प्रसार से ही किसी समाज या किसी देश का निर्माण हो सकता है। शिक्षित होना हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। बेहतर जीवन की परिकल्पना में शिक्षा आधार का कार्य करती है। इसके साथ ही एक बेहतर मनुष्य होने में भी शिक्षा एक महत्वपूर्ण किरदार अदा करती है। यह मनुष्य को दूरद्रष्टा बनाकर उसके भीतर विचारों के प्रवाह को सही दिशा प्रदान करने जैसा जरूरी कार्य करती है, लेकिन यह केवल तभी संभव है जब मनुष्य को एक सही शिक्षक मिले जो उसे सही दिशा प्रदान करे। मनुष्य को योग्य बनाने का कार्य शिक्षक द्वारा ही किया जाता है।
शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शन का कार्य करते हैं। जीवन में आने वाले संघर्षों का तटस्थता के साथ सामना करने के लिए हमें शिक्षक ही तैयार करते हैं। ताकि हम कभी जीवन में किसी के सामने न झुकें। बेहतर जीवन की परिकल्पना शिक्षा के बिना अधूरी है और शिक्षा के साथ-साथ जीवन में मौलिकता तथा शिष्टाचार प्राप्त करना भी बेहद जरुरी है। शिक्षित होने के साथ-साथ व्यक्ति का शिष्ट होना बेहद आवश्यक है, यदि व्यक्ति शिष्ट है तब ही तो वह मानव है और यदि नहीं है तो उसे पशु की उपाधि दी जाती है। यह शिष्टता प्राप्त करने के लिए ही हम गुरु के सानिध्य में आते है, ताकि हम बेहतर जीवन प्राप्त करने के साथ-साथ बेहतर इंसान भी बन सके। इसिलए भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण जी कहते थे :
“भगवान हम सबके भीतर है, महसूस करता है और कष्ट सहता है और समय के साथ उनके गुण, ज्ञान, सौन्दर्य और प्रेम हममें से हर एक के मन में उजागर होंगे”
शिक्षक दिवस मूलतः इसलिए मनाया जाता है, ताकि हम अपने सभी शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता जता सकें। उन्हें हमें बेहतर शिक्षा प्रदान करने तथा हमारे व्यतित्व का निर्माण करने के लिए धन्यवाद देना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य है। एक राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों का योगदान अतुल्य है, जिसके लिए उनका जितना भी धन्यवाद किया जाए कम है। एक राष्ट्र विकसित तब ही हो सकता है, जब उसके शिक्षक योग्य हों। वैसे तो विश्व के सभी शिक्षक पूजनीय हैं, मगर कुछ शिक्षक ऐसे भी हुए जिन्होंने अपने कार्यों से भारत को सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाने का कार्य किया। वैसे तो इनकी सूची लंबी है, मगर इसमें राजा राम मोहन राय, स्वामी विवेकानंद, डॉ भीम राव अम्बेडकर, मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद, एपीजे अब्दुल कलाम ऐसे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने राष्ट्र के निर्माण में अनंत योगदान प्रदान किया।
सामाजिक तौर पर मनुष्य का साथ रहना, मनुष्य का स्वभाव है। समाज कई लोगों से मिलकर बनता है, जिसमें अच्छे व बुरे, दोनों ही तरह के लोग होते हैं। जाहिर है कि अच्छे लोगों ने समाज को कुछ बेहतर बनाने की कोशिश की, तो वहीं बुरे लोगों की वजह से समाज में बुराइयाँ, कुंठा, घृणा, कुरीतियाँ आदि जैसी चीजों ने भी जन्म लिया। ऐसे में हमारे शिक्षकों ने अपने योगदान के माध्यम से उन कुंठाओ, कुरीतियों, अज्ञानता आदि को दूर करने का प्रयास किया है। आज भी हमारे देश में कई ऐसे शिक्षकों के उदाहरण मिलते हैं, जिनके बारे में सुनकर हमारा ह्रदय गौरवान्वित हो उठता है। अभी हाल ही में सोनम वांगचुक जैसे वैज्ञानिक का उदाहरण हमारे सामने आया, जो लद्दाख जैसे सुदूर क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ नए-नए अविष्कार भी कर रहे हैं। यह केवल एक उदाहरण है। ऐसे हमारे देश में ऐसे न जाने कितने उदाहरण होंगे जिसका हमें पता तक नहीं चल पाता है। देखा जाए तो शिक्षक एक राष्ट्र या समाज के वो सुपरहीरोज हैं, जो अपनी पहचान के लिए तरसे बगैर लगातार समाज को बेहतर करने का निरंतर प्रयास करते रहते हैं।
हमारे शिक्षकों का ही योगदान है जो आज हमारा देश तेजी से सफलता के मार्ग पर अग्रसर है। आज विश्वभर में भारतीय हर क्षेत्र में अपने देश का नाम रौशन कर रहें है। आज विश्व का हर चौथा डॉक्टर या इंजीनियर एक भारतीय ही है। विज्ञान के क्षेत्र में हम अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों के समकक्ष खड़े हैं। राजनीति, अर्थशास्त्र, कला आदि क्षेत्रों में भी भारतीयों के कार्य को विश्वभर में सराहा जाता है और न जाने कितने ही भारतीय इन क्षेत्रों में विश्व के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इसके अलावा इस देश की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। मगर इतना कुछ एक विकासशील देश के लिए आखिर मुमकिन हो कैसे पाया? जाहिर है, यह मुकाम हमारे देश के शिक्षकों के बगैर नामुमकिन था, जिसक लिए उनका जितना भी धन्यवाद किया जा सके, उतना कम है। शिक्षकों के बिना एक स्वस्थ और शालीन समाज व राष्ट्र की कल्पना भी बेईमानी है।
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हम उम्मीद करते हैं कि शिक्षक दिवस निबंध (essay on teachers day in hindi) आपको पसंद आया होगा। हालांकि इसके बावजूद भी कई ऐसे छात्र होंगे, जो किसी परीक्षा के दृष्टिकोण से शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas nibandh) लिखने की सोच रहे हैं, ऐसे में वे भविष्य में शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas nibandh) लिखने के लिए नीचे दिए गए 10 महत्वपूर्ण बिन्दुओं या फिर कहें तो शिक्षक दिवस पर पैराग्राफ (paragraph on teachers day in hindi) को याद रख सकते हैं तथा अपनी सुविधा अनुसार इसे विस्तृत कर परीक्षा में लिख सकते हैं। साथ ही इन 10 महत्वपूर्ण बिन्दुओं को याद रखने से आपको शिक्षक दिवस पर भाषण (teachers day speech in hindi) लिखने में भी सहायता मिलेगी। इसके अलावा इन बिंदुओं की सहायता लेते हुए छात्र छोटे लेख जैसे कि शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में (shikshak diwas par nibandh) भी लिख सकते हैं। शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi) में ये रहे :
भारत में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म दिवस अर्थात 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से अपने जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस मनाने की इच्छा जताई थी।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
डॉ राधाकृष्णन का देहांत चेन्नई में 17 अप्रैल, 1975 को हुआ था।
भारत में सबसे पहले शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया था।
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस विश्व भर के 100 से भी अधिक देशों में मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस के दिन देश भर के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के सम्मान में छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
छात्र इस दौरान अपने शिक्षकों के सम्मान में, उनकी महत्ता का बखान करते हुए शिक्षक दिवस पर भाषण देते हैं। साथ ही कई जगहों पर इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को उपहार भी भेंट में देते हैं।
एक राष्ट्र विकसित तब ही हो सकता है, जब उसके शिक्षक योग्य हों।
शिक्षकों के बगैर इस देश का विकास नामुमकिन था, जिसक लिए उनका जितना भी धन्यवाद किया जा सके, उतना कम है। शिक्षकों के बिना एक स्वस्थ और शालीन समाज व राष्ट्र की कल्पना भी बेईमानी है।
हम आशा करते हैं कि शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) या फिर कहें तो शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par speech) से निबंध/भाषण संबंधी आपकी सभी शंकाओं का समाधान हो गया होगा। आपको बताते चलें कि शिक्षक दिवस पर निबंध / शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par nibandh / shikshak diwas par speech) के साथ-साथ आप अन्य विषयों पर भी हमारे लिखे निबंध / भाषण इस लेख में उपलब्ध लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। शिक्षक दिवस पर निबंध / शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par nibandh / shikshak diwas par speech) के अलावा कई छात्र शिक्षक दिवस को विशेष बनाने के लिए रंग-बिरंगे पोस्टर्स तैयार करते हैं, जिस पर वे शिक्षकों को लेकर महापुरुषों के कथन / विचार (teachers day quotes) चाहते तो हैं, मगर उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। ऐसे में इस लेख में शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) के अलावा दस शिक्षक दिवस कोट्स (teachers day quotes) नीचे दिए हैं -
महत्वपूर्ण प्रश्न :
शिक्षक दिवस पर शिक्षक को क्या उपहार दें?
अनेक विद्यार्थी शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने प्रिय शिक्षक को शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card) उपहारस्वरूप देते हैं जिसमें शुभकामना संदेश अंकित रहता है। कई बच्चे हाथ से बनाकर भी शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card) गिफ्ट देते हैं। कई विद्यार्थी दुकान से खरीदकर शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card) भेंट करते हैं। इसके अलावा शिक्षक दिवस पर पेन, कोई अन्य वस्तु, किताबें भी भेंट स्वरूप प्रदान किया जाता है।
शिक्षक दिवस के दिन छात्र-छात्रएं अपने प्रिय शिक्षक के लिए शुभकामना संदेश लिख कर देते हैं। टीचर्स डे पर अपने फेवरेट टीचर्स के लिए बच्चे रंग-बिरंगे पेपर पर सुंदर डिजाइन बनाकर रंग-बिरंगे लिखावट के साथ अपनी शुभकामनाएं और बधाई शिक्षक को देते हैं। शुभकामना संदेश में बच्चे शिक्षक दिवस कार्ड बनाकर इस तरह के संदेश अधिक लिखते हैं- जैसे- 1. आपने मुझे सिर्फ पढ़ाया ही नहीं, बल्कि मुझे एक अच्छा इंसान बनना भी सिखाया है। 2. आपने मुझे सपने देखने और उनको पूरा करने के लिए हमेशा प्रेरित किया है। 3. आपने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया और मेरी गलतियों से सीखने में मदद की। आपने मुझे बताया कि असफलता से हम सीखते हैं और आगे बढ़ते हैं। आदि।
Frequently Asked Questions (FAQs)
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है ।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण ने अपने जन्म दिवस अर्थात 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा व्यक्त की थी। उनके सम्मान में ही भारत में प्रत्येक वर्ष उनकी जन्मतिथि को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म दिवस अर्थात 5 सितम्बर 1962 को पहला शिक्षक दिवस मनाया गया था ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में मनाया जाता है।
भारत की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है।
शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) की शुरुआत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन परिचय से की जा सकती है। इसके बाद व्यक्तिगत जीवन में शिक्षकों के महत्व के साथ-साथ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान के लिए उनका धन्यवाद करते हुए इसे खत्म किया जा सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।
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शिक्षक दिवस पर निबंध | Teachers Day Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay onShikshak Diwas in Hindi
By: savita mittal
शिक्षक दिवस पर निबंध | Teachers Day Essay in Hindi
राधाकृष्णन का जीवन परिचय, शिक्षक दिवस का महत्व, शिक्षक दिवस पर निबंध | shikshak diwas par nibandh | essay on teachers day in hindi video.
“शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को बोझ बनाए, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है, जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे।” यह बात भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहीं है। हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस विद्यार्थियों और शिक्षकों, दोनों के लिए विशेष होता है। 1888 ई. में इसी तिथि (5 सितम्बर) को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।
डॉ. राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे और राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने से पहले कई वर्षों तक उन्होंने शिक्षण कार्य किया था, इसलिए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस’ 5 अक्टूबर को मनाया जाता है और इसकी शुरुआत वर्ष 1994 में यूनेस्को ने की थी।
5 सितम्बर, 1888 को मद्रास (चेन्नई) शहर से लगभग 50 किमी दूरी पर स्थित तमिलनाडु राज्य के तिरूतनी नामक गाँव में जन्मे एस. राधाकृष्णन ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मिशन स्कूल, तिरुपति तथा बेलौर कॉलेज, बंगलुरु में प्राप्त की थी। इसके बाद मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज में प्रवेश लेकर उन्होंने यहाँ से बी.ए. तथा एम. ए. की उपाधि प्राप्त की। राधाकृष्णन कुशाग्र बुद्धि के थे। ये विषयों को बड़ी तेज़ी से समझ लेते थे। उनकी इच्छा एक अध्यापक बनने की थी और उनकी यह इच्छा पूरी हुई, जब वे वर्ष 1909 में मद्रास के एफ कॉलेज में दर्शनशास्त्र के अध्यापक नियुक्त हुए। बाद में उन्होंने मैसूर एवं कलकत्ता विश्वविद्यालयों में भी दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।
इसके बाद कुछ समय तक वे आन्ध्र विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। इसके अतिरिक्त काशी विश्वविद्यालय में भी उन्होंने कुलपति के पद को सुशोभित किया। कुछ समय तक ये ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी दर्शनशास्त्र के प्रोफेसा रहे। मे वर्ष 1948-49 में यूनेस्को के एक्जीक्यूटिव बोर्ड के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1952-62 की अवधि में ये भारत के उपराष्ट्रपति रहे। बाद में ये वर्ष 1962 में राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए।
उन्होंने ‘द फिलॉसफी ऑफ द उपनिषद्स’, ‘भगवद्गीता’, ‘ईस्ट एण्ड बेस्ट सम रिफ्लेक्शंस’, ‘ईस्टर्न रिलीजन एण्ड बेस्टर्न थॉट’, ‘इण्डियन फिलॉसफी’, ‘ऐन आइडियालिस्ट व्यू ऑफ लाइफ’, ‘हिन्दू व्यू ऑफ लाइफ’ आदि पुस्तकों की रचना भी की। शिक्षा एवं साहित्य के प्रति गहरी रुचि एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च अलंकरण ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया।
यहाँ पढ़ें : 1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन यहाँ पढ़ें : हिन्दी निबंध संग्रह यहाँ पढ़ें : हिंदी में 10 वाक्य के विषय
शिक्षक दिवस देश के सभी विद्यालय-महाविद्यालयों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी ही शिक्षण की भूमिका निभाते दिखाई देते हैं। विभिन्न कक्षाओं से अलग-अलग विद्यार्थियों का चयन ‘शिक्षक’ के रूप में किया जाता है एवं उन्हें अपनी कक्षा से छोटी कक्षा को शिक्षक के रूप में पढ़ाने के लिए भेज दिया जाता है। शिक्षक बना विद्यार्थी स्वयं को इस रूप में देखकर रोमांचित और गौरवान्वित महसूस करता है। कक्षा में जाकर छात्रों को पढ़ाते समय उसे एक जिम्मेदारी का अहसास होता है।
अनेक बार विद्यार्थी एक शिक्षक के कार्य को लेकर विभिन्न प्रकार की बातें बना लेते हैं। उस समय विद्यार्थी बने शिक्षक को यह अहसास होता है कि वास्तव में एक शिक्षक का कार्य जिम्मेदारी एवं चुनौतियों से भरा होता है। कक्षा में विद्यार्थियों को पढ़ाना, उन्हें सम्बोधित करना कोई सरल कार्य नहीं होता, यह शिक्षक बना विद्यार्थी भली-भाँति समझने लगता है और इससे उसकी शिक्षण एवं शिक्षक के प्रति आस्था मजबूत होती है।
शिक्षक दिवस ऐसे छात्रों के लिए ‘प्रायोगिक दिवस के समान होता है, जो अपना भविष्य एक शिक्षक के रूप में संवारना चाहते हैं। वे एक दिन के लिए शिक्षक बनकर जहाँ स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं, वहीं इस बात का प्रण भी लेते हैं कि यदि उन्हें शिक्षक बनने का अवसर मिला, तो ये अपने पद की गरिमा को बनाते हुए ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे।
यद्यपि, शिक्षा के निजीकरण के बाद से शिक्षा एक व्यवसाय का रूप लेती जा रही है। इसलिए शिक्षकों के व्यवहार में भी परिवर्तन देखने को मिला है, यही कारण है कि शिक्षकों के सम्मान में पिछले कुछ वर्षों में कमी आई है। शिक्षकों के सम्मान में आई इस कमी के लिए छात्र ही नहीं, बल्कि शिक्षक भी समान रूप से दोषी है।
शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को शिक्षकों का महत्त्व बताते हुए उन्हें सम्मान देने के लिए प्रेरित करना होता है, बल्कि शिक्षकों को भी उनकी भूमिका एवं उत्तरदायित्व का आभास करवाना होता है। विश्व के महान् वैज्ञानिक ‘अल्बर्ट आइंस्टाइन’ ने कहा है-“विद्यार्थियों में सृजनात्मक भाव और ज्ञान का आनन्द जगाना ही एक शिक्षक का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण है।”
शिक्षक का मुख्य कार्य अध्यापन करना होता है, किन्तु अध्यापन के उद्देश्यों की पूर्ति तब ही हो सकती है, जब वह इसके अतिरिक्त विद्यालय अथवा महाविद्यालय की अनुशासन व्यवस्था में सहयोग कर, शिष्टाचार का पालन करे, अपनेसहकर्मियों के साथ सकारात्मक व्यवहार करे एवं पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाकलापों में भी अपने साथी शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों का सहयोग करे। शिक्षकों को धार्मिक कट्टरता, प्राइवेट ट्यूशन तथा नशाखोरी इत्यादि से बचना चाहिए।
एक आदर्श शिक्षक सही समय पर विद्यालय आता है, शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्रियों का भली-भाँति प्रयोग करता है, छात्रों से मधुर सम्बन्ध रखता है, उन्हें प्रोत्साहित करता है तथा अपने साथियों से भी मित्रतापूर्ण सम्बन्ध रखता है। इस प्रकार आशाबादी दृष्टिकोण, प्रशासनिक योग्यता, जनतान्त्रिक व्यवहार, मनोविज्ञान का ज्ञान, समाज की आवश्यकताओं का ज्ञान, विनोदी स्वभाष, दूरदर्शिता, मिलनसार प्रवृत्ति, अपने कार्य के प्रति आस्था तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व इत्यादि एक आदर्श शिक्षक के गुण है।
आवश्यकता पड़ने पर शिक्षकों को शिक्षार्थियों के मित्र, परामर्शदाता, निर्देशक एवं नेतृत्वकर्ता की भूमिका भी निभानी पड़ती है। ‘कबीर’ ने इस दोहे में शिक्षक एवं विद्यार्थी दोनों के आदर्श रूप को बड़े ही सहज ढंग से प्रस्तुत किया है।
“गुरु तो ऐसा चाहिए सिख से कछु नहिं लेय। सिख तो ऐसा चाहिए गुरु को सब कुछ देय।।”
वास्तव में, शिक्षक दिवस का आयोजन तभी सार्थक और सफल हो सकेगा, जब शिक्षकों को अपने दायित्य का ज्ञान हो और विद्यार्थी एवं अभिभावक उन्हें महत्त्व एवं सम्मान दें। शिक्षक दिवस शिक्षकों और विद्यार्थियों के संकल्प लेने का दिन है कि वे अपने कर्त्तव्य का निर्वाह पूरी ईमानदारी के साथ करेंगे और अपने देश को उन्नति के पथ पर ले जाने में सहयोग देंगे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
reference Teachers Day Essay in Hindi
मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।
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Teachers Day Essay in Hindi | शिक्षक दिवस निबंध
टीचर्स डे या शिक्षक दिवस 5 सितंबर को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.
हमारा इतिहास गवाह है की शिक्षक का पद सदियों से सबसे ऊपर रहा है। शिक्षक हर देश की तरक्की की पहली नीव है। एक अच्छा शिक्षक हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी सबसे पहली शिक्षक उसकी मां होती है। चाहे वह मां हो या स्कूल कॉलेज में मिले टीचर यह दोनों ही दुनिया के सबसे बड़े गुरु होते हैं। यह ना केवल हमें शिक्षा देते हैं बल्कि हमारे आने वाले कल को एक सुनहरे मोड़ पर भी ले जाते हैं। हमारे जीवन की हर एक तरक्की का पहला कदम इन से पूछ कर उठाया जाता है, क्योंकि एक शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी का बुरा नहीं चाहता. वो बस यह चाहते हैं कि वह जीवन में जो भी कदम उठाएं वह उनके लिए अच्छा साबित हो।
एक अच्छे विद्यार्थी की यह निशानी होती है कि वह अपने गुरु के सभी आदेश माने और उन्हें सबसे ज्यादा इज्जत दे। जो इंसान अपने गुरु की इज्जत करना जानता है केवल वही इंसान सफलता में कभी मात नहीं खाता। अपने गुरु से शिक्षा लेना और उस शिक्षा को अच्छी जगह पर उपयोग करना यही होती है एक अच्छे विद्यार्थी की निशानी।
टीचर्स डे के उपलक्ष में हम यहाँ teachers day essay in hindi, shikshak diwas par nibandh (शिक्षक दिवस पर निबंध) लेकर आए हैं जो आप अपना स्कूल का काम पूरा करने या असाइनमेंट के लिए इन निबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Short Essay on Teacher in Hindi | शिक्षक पर निबंध हिंदी में 300 Words
प्रस्तावना | hindi essay on teacher.
एक शिक्षक हमारे समाज का ऐसा कारीगर है जो उसे कण-कण जोड़कर हर रोज अपनी मेहनत से बनाता है। एक शिक्षक समाज को तब तक आकार देता है जब तक वह तरक्की की राह पर ना पहुंच जाए। और हर दिन अपनी उस मेहनत पर गर्व करता है। अपने शिष्य को तरक्की की ऊंचाइयों पर चमकता देखकर जो खुशी एक शिक्षक की आंखों में होती है, वह कई सालों तक की गई उनकी मेहनत के कारण होती है। अकसर विद्यार्थी अपने शिक्षक से डरते जरूर है परंतु हमेशा उनकी इज्जत और सम्मान पूरा करते हैं।
एक अच्छा शिक्षक ना केवल बच्चों को पढ़ाता है बल्कि बच्चों की मनोदशा को भी समझता है और उनसे बातचीत करके उनकी सभी परेशानियों का हल निकलता है। जब कोई बच्चा बिना डरे अपने शिक्षक से अपने दिल की सारी बातें कर सकें, इसका यह मतलब होता है कि उस शिक्षक ने अपने विद्यार्थी का दिल हर तरफ से जीत लिया है। ऐसे शिक्षक बहुत कम मिलते हैं जिनसे बच्चे खुलकर बात कर सकते हैं, परंतु जब हमें ऐसे शिक्षक मिलते हैं तब वह हमारी जिंदगी का सबसे अनमोल हिस्सा कहलाते हैं।
उपसंहार | टीचर्स डे निबंध
एक शिक्षक के ज्ञान और उसकी कला में ऐसी ताकत होती है जिससे वह पूरी दुनिया को बदल सकता है। कहने को तो लोग यह भी कहते हैं कि एक शिक्षक की नौकरी एक आम नौकरी जैसी है परंतु यह बात बहुत कम लोग महसूस कर पाते हैं कि हम सब को सफल बनाने वाला भी एक शिक्षक ही है। चाहे हमारे देश का प्रधानमंत्री हो क्या कोई बहुत अच्छा डॉक्टर हो सभी के सिर पर उनके शिक्षक का हाथ रहा है। आज हम जहां भी खड़े हैं हम केवल अपने शिक्षक के दम पर खड़े हैं।
यह हमेशा याद रखें कि गुरु का महत्व और गुरु का पद जीवन में सबसे ऊपर होता है। सदैव उनका आदर और सत्कार करते रहें तब ईश्वर भी आपकी तरक्की में आपका साथ देंगे।
Hindi Essay on Teacher | शिक्षक पर निबंध 500 Words
प्रस्तावना | teacher per nibandh.
हमारी इस धरती पर ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान इस शिक्षक के रूप में धरती पर आया है। एक शिक्षक की वजह से पूरी दुनिया सकारात्मक बनती है और सभी को जीवन में कुछ बनने के लिए प्रेरित करती है। जो सीख एक शिक्षक देता है उसी सीख से दुनिया एक बेहतर रूप लेती जा रही है। शिक्षक नई सोच और नई उमंग का सबसे अच्छा जरिया होता है। सभी के जीवन में अच्छे शिक्षक का होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जिंदा रहने के लिए सांसे लेना जरूरी होता है।
शिक्षक हमें अहिंसा के ऊपर शिक्षा और कलम की ताकत को समझाता है। एक अच्छा शिक्षक लोगों को जीने का नजरिया देता है और हर उस रास्ते से अवगत कराता है जो तरक्की की ओर बढ़ता रहे। एक अच्छा शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी को कोई गलत रास्ते पर चलने की सलाह नहीं देगा, और पूरी कोशिश करता रहेगा कि उनका विद्यार्थी हमेशा सच्चाई और अच्छाई की राह पर चलते हुए मेहनत करता रहे। चाहे कोई भी हो, हर सफल मनुष्य के पीछे उसके शिक्षक का हाथ जरूर होता है। यदि शिक्षक ना हो तो शिक्षा का हर रंग बेरंग हो जाता है।
गुरु केवल आपको शिक्षा नहीं देते बल्कि आपको एक अच्छा इंसान भी बनाते हैं। शिक्षक आपको केवल किताबी ज्ञान नहीं देता, क्योंकि पढ़ाई से बाहर भी एक दुनिया है उसका सामना करना सबको आना चाहिए। शिक्षक हमें दुनिया की सच्चाईयों से अवगत कराते हैं और उस दुनिया में हर बुराई से लड़ने की ताकत और समझ भी देते हैं। एक शिक्षक समाज पर अपनी अच्छाइयों की छाप छोड़ जाता है और अपने विद्यार्थी की जिंदगी को आसमान की हर उस ऊंचाई पर लेकर जाता है, यहां पहुंचने का सपना हम सभी देखते हैं।
शिक्षक का महत्व | Mera Priya Shikshak
एक शिक्षक इतना भरोसेमंद होता है कि जब एक बच्चा बहुत छोटा होता है तो उसकी मां उसकी अध्यापिका के भरोसे उसे स्कूल छोड़कर जाती है। क्योंकि वह जानते हैं कि इसका ख्याल जितना हम अपने घर में रखते हैं उतना ही ख्याल उसकी अध्यापिका स्कूल में रखेगी। केवल एक विद्यार्थी का ही नहीं बल्कि मां बाप को भी उनके शिक्षक से बहुत उम्मीदें होती हैं। अपने बच्चों की तरक्की की डोर मां बाप पूरे भरोसे के साथ उनके शिक्षक के हाथ में दे देते हैं। क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब भी किसी शिक्षक ने अपने शिष्य का हाथ थाम कर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है, ऐसा विद्यार्थी कभी असफल नहीं हुआ है।
उपसंहार | Adarsh Shikshak Par Nibandh
शिक्षक ऐसे भी होते हैं जो किसी विद्यार्थी को जिंदगी भर याद रह जाते हैं। यह सच है कि सभी के जीवन में एक बार एक ऐसा शिक्षक जरूर आता है जो उन्हें सिर्फ पढाता नहीं बल्कि दुनिया भी दिखाता है। ऐसे शिक्षक को हम सभी जिंदगी भर याद रखते हैं। जब भी कहीं किसी अच्छे शिक्षक की बात होती है हम सभी के दिमाग में एक ऐसा शिक्षक का नाम जरूर आता है, जिसके बारे में सोच कर हमारी आंखों में चमक और चेहरे पर एक मुस्कान आती है। क्योंकि उनके जैसा शिक्षक दोबारा मिलना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए कहते हैं कि जब तक भी आपके गुरु आपके साथ हैं उन से भरपूर ज्ञान लें और जितना हो सके उतनी अच्छी बातें भी सीखें। गुरु के सुनहरे शब्द आपका जीवन बना सकते हैं।
Shikshak Diwas Par Nibandh | शिक्षक दिवस निबंध 1000 Words
प्रस्तावना | paragraph on teachers day in hindi.
शिक्षक चाहे कोई भी हो, कहीं भी हो या किसी भी विषय का हो, यह सभी हमारी तरफ से पूरी इज्जत और सम्मान के हकदार हैं, क्योंकि इन्होंने अपने परिवार और अपनी जरूरतों को किनारे रखकर हमेशा अपने विद्यार्थियों का साथ दिया है। शिक्षक स्वयं को और अपने परिवार को एक बार के लिए चाहे पीछे छोड़ दे परंतु अपने विद्यार्थियों को कभी पीछे नहीं छूटने देते। हर शिक्षक अपने आप से यह वादा करता है कि वह अपने शिष्य की तरक्की के लिए पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हैं, और जहां भी वह डट जाएंगे वहां उनका साथ देने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं।
जब कोई विद्यार्थी सफल होता है उसकी सफलता का पूरा श्रेय उसके शिक्षक को जाता है, अपने विद्यार्थी की सफलता देखना एक शिक्षक के लिए उसके जीवन की सबसे बड़ी खुशी कहलाता है। जब कोई विद्यार्थी विजयी नहीं होता तब सबसे ज्यादा दुख उसके शिक्षक को ही होता है, किन्तु एक शिक्षक में ऐसी ताकत होती है कि वह स्वयं तो उठ खड़े होते हैं और अपने विद्यार्थी को भी उठाते हैं। अपने विद्यार्थियों को फिर से आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं और उनकी ताकत बनकर उनके पीछे खड़े रहते हैं। एक अच्छा शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी को हार मानने की सलाह नहीं देता। निराशा चाहे हजार बार ही क्यों ना सामने आए परंतु एक शिक्षक उस निराशा को हटाने के लिए लाखों बार मेहनत करने को भी डटकर तैयार खड़े रहते हैं।
स्वयं को खुशनसीब समझिए यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा शिक्षक है जिन्होंने आपके जीवन की दशा पूरी तरह से बदल कर रख दी। अच्छे शिक्षक हमें पढ़ाने के लिए जो भी चीजें लगती है उनके लिए हमेशा तैयार खड़े रहते हैं, और हमें सिखाई जाने वाली चीजें तब तक हमें सिखाते हैं जब तक हम उन्हें अच्छे से समझ नहीं जाते। कभी कभी तो ऐसा लगता है कि जैसे गुरु में कोई दिव्य शक्तियां हैं, ना ही वो कभी थकते हैं और ना ही कभी हार मानते हैं।
महत्व | Teachers Day Essay in Hindi
अगर कभी आपको ऐसा लगता है कि आपका शिक्षक आपको बहुत ज्यादा काम देता है या आपको कठिनाइयों से गुजरने के लिए कहते हैं। अपने शिक्षक की ऐसी बातों का कभी बुरा ना माने क्योंकि आपको ऐसी परिस्थिति में डालकर आपका शिक्षक केवल आपको हर चुनौती के लिए तैयार करना चाहता है। चुनौतियों से लड़ने के लिए जो शक्ति चाहिए होती है उसके लिए आपका शिक्षक आपको कठिन स्थिति में डाल देता है। उनके दिए गए हर काम भी इज्जत करें और उसे पूरा करें।
एक विद्यार्थी की मदद करने के लिए शिक्षक किसी भी हद तक चले जाते हैं। केवल कक्षा के अंदर ही नहीं बल्कि आपको जीवन का ज्ञान भी देते हैं। दुनिया में जीना सिखाते हैं और किस तरह आगे बढ़ना है उन सभी रास्तों से आपको परिचित करवाते हैं। शिक्षक एक सीढ़ी है जिस पर आप अंधा भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि कोई भी शिक्षक कभी अपने विद्यार्थी का बुरा नहीं चाहते, अपने हर एक विद्यार्थी को तरक्की करते हुए देखना उनका परम सपना होता है।
एक अध्यापक होना दुनिया का सबसे मुश्किल काम होता है। एक अच्छा गुरु इस बात का उदाहरण है कि किस तरह आप एक जूनून रखने वाले व्यक्ति बन सकते हैं। इतिहास गवाह है कि एक अच्छे गुरु की इज्जत एक विद्यार्थी किस तरह करता है। गुरु का दर्जा इतना ऊपर होता है कि एक विद्यार्थी अपने गुरु के लिए कुछ भी कर सकता है। भारत के इतिहास में यह बात लिखी गई है कि एकलव्य ने द्रोणाचार्य से यह वादा किया था कि वह गुरुदक्षिणा में जो भी मांगेंगे एकलव्य उन्हें वह अवश्य देगा।
गुरुदक्षिणा लेने का समय आया तब द्रोणाचार्य ने एकलव्य से ऐसा कहा कि वह अपना दाएं हाथ का अंगूठा काटकर उन्हें दे दे। एकलव्य के दिल में अपने गुरु के लिए इतना इज्जत और सम्मान भरा था कि उन्होंने हंसते-हंसते अपना एक अंगूठा काटकर द्रोणाचार्य के लिए गुरु दक्षिणा के रूप में दे दिया। एकलव्य और द्रोणाचार्य यह दोनों ही एक अच्छे शिक्षक और एक अच्छे शिष्य के बहुत बड़े उदाहरण है। अपने गुरु की इज्जत और आदेश का पालन करने की कला आपको किसी-से सीखनी है तो उसका सबसे अच्छा और बड़ा उदाहरण एकलव्य का है।
उपसंहार | Hindi Essay on Teacher
आप अपना गुरु चाहे किसी को भी मानते हों, फिर चाहे वह आप को जन्म देने वाली आपकी मां हो, विद्यालय में मिली आप की अध्यापिका यह दोनों ही साक्षात शिक्षक के रूप में भगवान का रूप होते हैं। माना की सफलता के लिए कड़ी मेहनत और लगन बहुत जरूरी होती है, परन्तु इन दोनों चीजों के साथ-साथ अपने गुरु का आशीर्वाद भी बहुत जरूरी होता है। उस आशीर्वाद से भी बढ़कर यह जरूरी है कि जब तक आप अपने गुरु की शरण में हैं और उसके बाद भी कभी अपने गुरु की इज्जत करना ना भूलें। एक गुरु ही तो है जिन्होंने आपको इस लायक बनाया कि आज आप सफलता की सीढ़ियों पर खड़े हैं। हमेशा अपने गुरु के आभारी रहें।
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Editorial Team
One response.
निबंध आर्टिकल पढ़कर मुझे मेरे बचपन की याद आ गया। काश उस टाइम में इंटरनेट का दौर होता तो हमें इतना मुसीबतों का सामना नहीं पड़ता और हम आसानी से निबंध लिखकर हमारी टीचर को दिखा देते हैं।
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