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बाघ पर निबंध (Essay On Tiger In Hindi)
In this Article
बाघ पर 5 लाइन (5 Lines On Tiger In Hindi)
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भारत विविधता का देश है, जहां पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों और जीव-जंतु आदि की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं, जो इस देश की सुंदरता को और अधिक बढ़ाता है और इन्हें देख कर आनंद महसूस होता है। इस लेख में हम राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी निबंध कैसे लिखना यह बताएंगे, लेकिन उससे पहले बाघ कैसा जानवर है आइए यह जानते हैं! बाघ को भारत सरकार द्वारा देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह बहुत प्रसिद्ध और शक्तिशाली जानवर है जो अपनी तेजी, फुर्तीलापन और ताकत के लिए जाना जाता है। यह एक मांसाहारी जानवर है जिसके चार पैर, दो कान-आंखें और एक पूँछ होती है। इनके दांत बेहद नुकीले और मजबूत होते हैं जिससे ये शिकार करते हैं। दुनिया भर में बाघों की विभिन्न प्रजातियां और उप-प्रजातियां पाई जाती हैं। विश्व बाघ गणना के अनुसार इन दिनों इनकी संख्या काफी कम होती जा रही है और धरती पर इनका जीवन बचाने के लिए संरक्षण करने की जरुरत होगी। भारत में बाघों की लगातार घटती संख्या की वजह से भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम से एक अभियान चलाया था और इसके कारण ही आज भारत में बाघों की मौजूदा स्थिति पहले से कुछ बेहतर है। बाघ पर एक बेहतरीन अनुच्छेद पढ़ने लिए लेख अंत तक पढ़ें।
नीचे 5 पक्तियों में बाघ पर निबंध दिया गया है, जो बेहद सरल भाषा में लिखे गई पंक्तियां लिखी गई हैं।
- बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है।
- बाघ, बिल्ली की प्रजाति का जानवर होता है।
- इसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है।
- इनके दांत और नाखून काफी नुकीले होते हैं।
- बाघ एक जंगली मांसाहारी जानवर है।
यहां आपको बाघ के बारे में निबंध दिया गया है, जो 10 लाइन में है और आसान भाषा में बताया गया है। तो आइए राष्ट्रीय पशु पर 10 लाइन का निबंध पढ़ते हैं।
- बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहते है।
- यह काफी फुर्तीले होते हैं और पेड़ पर आसानी से चढ़ जाते हैं।
- ये बहुत शक्तिशाली और तेज दौड़ने वाला जानवर है।
- बाघ पानी में भी तैर सकते हैं।
- यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं।
- इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं।
- इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता तेज होती है।
- बाघ की आयु औसतन 11 से 15 साल तक होती है।
- 2010 से हर साल बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।
क्या आपका बच्चा बाघ पर निबंध लिखना चाहता है, तो यह शार्ट एस्से क्लास 1,2,3,4,5,6,7, 8, 9 ओर 10 में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यह निबंध एक सैंपल के रूप में दिया गया है। इसका उपयोग आप शार्ट कम्पोजिशन के रूप में भी कर सकते हैं।
भारत में सैकड़ों प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं जिसमें से एक बाघ भी है। बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। यह बाघ, बिल्ली की प्रजाति का जानवर होता है। जिसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज और नाखून काफी नुकीले होते हैं। यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं और इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं। इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता काफी तेज होती है। बाघ बहुत फुर्तीले होते हैं और बड़ी आसानी से पेड़ या ऊंचाई पर चढ़ सकते हैं। ये ताकतवर और तेज दौड़ने वाला जानवर होता है और यह पानी में भी तैर सकते हैं। इनकी आयु औसतन 11 से 15 साल तक होती है। बाघ एक जंगली मांसाहारी जानवर है, क्योंकि यह केवल मांस का ही सेवन करते हैं। जिसमें यह छोटे जानवरों जैसे बकरी, गाय, हिरण आदि का शिकार करके अपना पेट भरते हैं। इनका शिकार करने का तरीका बहुत ही अनोखा होता है। पहले ये अपने शिकार को छुपकर देखते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी तरफ आगे बढ़ते हैं और पास पहुंचते ही अचानक से हमला कर देते हैं। इनके पंजों की पकड़ बहुत मजबूत होती है। इसलिए पहले के समय बाघ का शिकार करना बड़ी उपलब्धि माना जाता था और राजा महाराजा बाघ का शिकार करने में रुचि रखते थे। समय के साथ बाघ की नौ प्रजातियों में से अब तक 3 विलुप्त हो चुकी हैं, 1973 में जांच के दौरान पाया गया कि बाघों की अनुमानित संख्या कम होकर 5000 से 1827 हो गई जो चिंता का विषय था। जिसमें जंगलों की बढ़ती हुई कटाई और व्यापार के लिए बाघ की खाल का उपयोग, चीनी दवाओं के लिए इनकी हड्डियों का उपयोग के कारण इनका अवैध रूप से शिकार करना है, संकुचित आवास, मानव जाती की बढ़ती आबादी आदि कारणों से इनके संरक्षण को लेकर तेजी से जागरूकता बढ़ी और 197 में ही बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) शुरू किया जिसमें सभी प्रजातियों के बाघ को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया। ताकि आने वाली पीढ़ी भी बाघ की विभिन्न प्रजातियों से परिचित हो सके। 2010 से हर साल बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।
बाघ पर निबंध या भाषण के लिए दिए गए अनुछेद को पढ़ें। अक्सर स्कूल व कॉलेज स्तर पर ऐसी प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जो भारत राष्ट्र के विषय से जुड़ी हुई हो, यहां आपको भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी में निबंध दिया गया है। जो आपको 400 से 600 शब्दों की सीमा में एक बेहतरीन लॉन्ग एस्से उपलब्ध कराता है:
भारत अनेकता का देश है, विभन्नता का देश जहां न जाने कितनी प्रजातियों के पशु-पक्षी, जीव- जंतु और पेड़-पौधों व अन्य प्राणियों का वास है। लेकिन सैकड़ों प्रजातियों में से भारत ने जिसे अपना राष्ट्रीय पशु चुना वो बाघ है। यह बड़ी बिल्ली की प्रजाति में आते हैं। इनकी शारीरिक संरचना की बात की जाए तो इनके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज, जीभ कांटेदार और नाखून काफी नुकीले होते हैं, जिसकी मदद से यह अपने शिकार पर पकड़ बनाएं रहते हैं। यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं और इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं। बाघ की सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता अच्छी होती है, जो इन्हे अपना शिकार पकड़ने व खतरे से बचने में मदद करता है। यह औसतन 11 से 15 साल तक जीवित रहते हैं। इनका भोजन छोटे जानवर जैसे बकरी, हिरण आदि होते हैं। बाघ की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें से 3 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं, 1973 में इस बात को गंभीरता से लिया गया और भारत सरकार बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) के तहत बाघ की सभी प्रजातियों को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया।
बाघ की शारीरिक बनावट (Body Structure of Tiger)
बाघ की शारीरिक बनावट का वर्णन करें तो इनके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज, जीभ कांटेदार और नाखून काफी नुकीले होते हैं। बाघ का शरीर काफी शक्तिशाली और मजबूत काठी का होता है। यह काफी फुर्तीले होते हैं और बहुत तेज दौड़ने वाले जानवर के रूप में जाने जाते हैं। यह हमेशा मांस का सेवन करते हैं इसलिए इनका शरीर काफी गठीला और मजबूत होता है। इनके शरीर की लंबाई 7 से 10 फुट तक होती है और इनका वजन लगभग 350 किलो या उससे ज्यादा भी हो सकता है। इनके शरीर पर काले और भूरे रंग की धारियां बनी होती है। हालांकि कई जगहों पर जैसे साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के बाघ पाए जाते हैं।
बाघ की विशेषताएं (Characteristics Of Tiger)
बाघ काफी ताकतवर पशु होता है और ये करीब 40-55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज दौड़ सकता है, लेकिन इनका शरीर बहुत भारी होता है इन्हें तेज दौड़े वाले जानवर की श्रेणी में गिना जाता है। इनका जीवनकाल लगभग 10 से 15 साल तक का होता है, लेकिन चिड़ियाघर में रहने वाले बाघ अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं। यह ज्यादा से ज्यादा 25 साल तक जिंदा रह सकते हैं। इनकी दिनभर की खुराक में कम से कम 20 से 30 किलो तक मांस होता है। मादा बाघ की बात की जाए तो इनका गर्भकाल 90 से 115 दिन तक चलता है और ये एक साथ 2 से 3 बच्चो को जन्म दे सकती हैं। मादा बाघ के बच्चे 14 से 15 दिन के अंदर ही अपनी आंख खोल लेते हैं, इनकी एक खासियत यह है कि ये पेड़ या ऊंचाई पर बहुत आसानी से चढ़ जाते हैं और पानी में तैर भी सकते हैं।
भारतीय संस्कृति मे बाघों का महत्व (Importance Of Tigers in Indian Culture)
भारत में धर्म और आस्था से कई लोग गहरा जुड़ाव रखते हैं और भारतीय संस्कृति के अनुसार बाघ को देवी दुर्गा की सवारी के रूप जाना जाता है। माँ दुर्गा की पूजा के साथ बाघ की भी पूजा की जाती है। भारत में ऐसी कई जगह हैं, जहां पर बाघों को पूजा जाता है। बाघ की मनोहरता, ताकत, फुर्तीलेपन और शक्तिशाली होने कारण उसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु से सम्मानित किया गया।
निष्कर्ष (Conclusion)
बाघ को हमारे देश का राष्ट्रीय पशु और शान माना जाता है। यह बाकी जानवरों की तुलना मे सबसे ज्यादा शक्तिशाली पशुओं मे से एक है, लेकिन इनकी प्रजातियां दिन प्रतिदिन गायब होती जा रही हैं, जिसका मुख्य कारण इसका अवैध शिकार करना है। बाघ के संरक्षण के लिए 1972 में प्रोजेक्ट टाइगर अभियान शुरू किया गया जो बाघ की सभी प्रजातियों को संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है। आने वाले समय मे हमारी पीढ़ियां भी बाघ की प्रजातियों को देख सके, इसके लिए उनका संरक्षण जरूरी है।
- बाघ की सुनने की शक्ति तीर्व होती है और वह हवा से हिलने वाले पत्तों और घास पर किसी के चलने की आवाज में फर्क समझ सकते हैं।
- बाघ को सबसे बड़ा मांसाहारी जानवर माना जाता है।
- चिड़ियाघर में रहने वाले बाघ अपनी उम्र से दुगनी उम्र तक जीवित रहते हैं।
- बाघ एक बार में 27 किलो तक मांस खा सकते हैं।
- बाघ के शरीर का सबसे मजबूत अंग उनके पैर होते हैं।
- इंसान की तरह बाघ की धारियों के फिंगरप्रिंट भी यूनिक होते हैं।
- भारत के कर्नाटक में बाघों की संख्या सबसे अधिक पाई जाती है।
- बाघ की आवाज को करीब तीन किलोमीटर तक सुना जा सकता हैं।
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है और हमारे बच्चों को देश के राष्ट्रीय पशु के बारे में सभी जानकारी होना चाहिए। बाघ पर लिखे गए इस निबंध से बच्चों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी और साथ ही वो खुद भी इस एस्से सैंपल की मदद से बाघ पर एक बेहतरीन लेखन तैयार कर सकते हैं।
बाघ से जुड़े ऐसे कई सवाल होंगे जो आप जानना चाहते होंगे। आइए देखते हैं आखिर वह सवाल कौन से हैं।
1. बाघ का वैज्ञानिक नाम क्या है?
बाघ को वैज्ञानिक तौर पर पैंथेरा टाइग्रिस के नाम से जाना जाता है।
2. एक बाघ के शरीर पर लगभग कितनी धारियां होती हैं?
बाघ के शरीर में लगभग 100 धारियां होती हैं।
3. दुनिया का सबसे बड़ा बाघ कौन सा है?
साइबेरिया का बाघ दुनिया का सबसे बड़ा बाघ है।
यह भी पढ़ें:
गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi) मोर पर निबंध (Essay On Peacock In Hindi)
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बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)
हम विद्यार्थियों की मदद करने के उद्देश्य से यहाँ बहुत से राष्ट्रीय पशु बाघ या बाघ पर निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। आजकल, निबंध और पैराग्राफ लेखन प्रतियोगिता का आयोजन शिक्षकों द्वारा स्कूल और कलेजों में अपने विद्यार्थियों में किसी भी विषय पर कौशल और ज्ञान बढ़ाने के लिए सामान्य रणनीति के रुप में प्रयोग किया जाता है। नीचे दिए गए सभी बाघ पर निबंध सरल और आसान वाक्यों का प्रयोग करके विभिन्न शब्द सीमाओं में विद्यार्थियों की जरूरत और आवश्यकता के अनुसार लिखे गए हैं। इसलिए, वे इनमें से कोई भी राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध अपनी आवश्यकता और जरूरत के अनुसार चुन सकते हैं।
बाघ पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Tiger in Hindi, Bagh par Nibandh Hindi mein)
बाघ पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
भारत में बाघ आमतौर पर सुन्दर वन (असम, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े चीते अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं हालांकि, सभी में रॉयल बंगाल टाइगर सबसे अधिक सुन्दर लगते हैं। बाघों को मारना, उस समय से पूरे देश में निषेध है, जब उनकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट हो रही थी।
बाघ की शारीरिक संरचना और प्रकृति
बाघ राष्ट्रीय पशु है, जो बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह बिल्ली के परिवार के सबसे बड़े जानवर के रुप में जाना जाता है। यह विभिन्न रंगों; जैसे – शरीर पर अलग-अलग काली धारियों के साथ नारंगी, सफेद, और नीला रंग का पाया जाता है। वे ऊपरी तौर पर अलग हो सकते हैं, पर उनके नीचे का पेट वाला भाग एक ही तरह सफेद रंग का होता है। वे प्रजातियों, उपजातियों और स्थानों के आधार पर अलग-अलग आकार और वजन के पाए जाते हैं।
“ प्रोजेक्ट टाइगर”
साइबेरियन टाइगर को सबसे बड़ा बाघ माना जाता है। मादा बाघ, नर बाघ से थोड़ी छोटी होती है। कुछ दशक पहले, बाघों की प्रजाति निरंतर खतरे में थी हालांकि, भारत में “प्रोजेक्ट टाइगर” के कारण स्थिति नियंत्रण में है। पहले मनुष्यों द्वारा उनका शिकार बहुत से उद्देश्यों; जैसे – खेल, परंपरा, चिकित्सक दवाइयाँ आदि के लिए भारी मात्रामें किया जाता था। “प्रोजेक्ट टाइगर” की पहल भारत सरकार के द्वारा अप्रैल 1973 में बाघों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए की गई थी।
बाघों के जीवन को सबसे अधिक खतरा वनों के उन्मूलन के कारण है, जिसके कारण उनकी प्रजातियों को हानि पहुँच रही है और वे दूसरे स्थानों के लिए प्रवास कर रहे हैं। बाघ के राष्ट्रीय महत्त्व को समझते हुए हमें इसके संरक्षण की आवश्यकता है।
निबंध 2 (350 शब्द)
बाघ एक जंगली जानवर है, जिसे भारत में भारतीय सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह सबसे निर्दयी जंगली पशु माना जाता है, जिससे सभी भयभीत होते हैं। यह बहुत ही ताकतवर पशु है, जो लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। यह बहुत ही शान्त दिखता है हालांकि, बहुत ही चालाक होता है और बहुत अधिक दूरी से भी अपने शिकार को पकड़ लेता है। यह दूसरे पशुओं; जैसे – गाय, हिरन, बकरी, खरगोश (कभी-कभी अवसर के अनुसार मनुष्यों को भी) आदि के खून और मांस का बहुत अधिक शौकीन होता है।
बाघ को जंगल का भगवान कहा जाता है, क्योंकि इन्हें देश में जंगली जीवन में धन का प्रतीक माना गया है। बाघ ताकत, आकर्षक, बहुत अधिक शक्ति और चपलता का मिश्रण होता है, जो इसके आदर और सम्मान का बहुत बड़ा कारण है। यह अनुमान लगाया गया है कि, कुल बाघों की संख्या का आधा भाग भारत में रहता है। यद्यपि, पिछले कुछ दशकों में, भारत में बाघों की संख्या में निरंतर बड़े स्तर पर कमी आई है। भारत की सरकार द्वारा “प्रोजेक्ट टाइगर” को 1973 में, देश में शाही पशु के अस्तित्व को बचाने के लिए शुरु किया गया था।
बाघों की प्रजातियाँ
बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ होती हैं और भारतीय प्रजाती को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है। बाघ (उत्तरी-पश्चिमी भाग को छोड़कर) लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं। प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को शुरु करने के कुछ वर्ष बाद ही, भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। 1993 की बाघों की जनगणना के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या लगभग 3,750 थी। प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत लगभग पूरे देश में 23 संरक्षण केन्द्रों (33,406 वर्ग किलो.मी. के क्षेत्र में) की स्थापना की गई थी।
पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है। इस योजना के बाद, 1993 में हुई जनगणना में, बाघों की संख्या में इससे उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। यद्यपि, भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन, इस योजना में व्यय किए गए धन की तुलना में देश में बाघों की संख्या अभी भी संतोषजनक नहीं है।
निबंध 3 (500 शब्द)
बाघ एक जंगली जानवर है और भारत के राष्ट्रीय पशु के रुप में जाना जात है। यह लगभग बिल्ली की तरह होता है क्योंकि यह बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। यह बड़े दाँत और लम्बी पूँछ रखता है। यह विभिन्न रंगों का होता है (जैसे – सफेद, नीला, और नारंगी) हालांकि, सभी के शरीर पर काली धारियाँ होती हैं। यह कुछ ही मिनटों में बड़ी-बड़ी छलांगो के साथ बहुत लम्बी दूरी तक दौड़ सकता है, क्योंकि इसे भगवान द्वारा उपहार के रुप में तेज पंजों के साथ गद्देदार पैर प्रदान किए हैं।
इसके चार दाँत (दो ऊपर के जबड़े में दो नीचे के जबड़े में) बहुत ही नुकीले, तेज और मजबूत होते हैं, जो भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से शिकार करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। बाघ की लम्बाई और ऊँचाई क्रमशः 8 से 10 फिट और 3 से 4 फिट होती है।
मांसाहारी पशु: बाघ
यह एक मांसाहारी पशु है और खून और मांस का बहुत ही शौकीन होता है। यह कभी-कभी जंगल से किसी पशु यहाँ तक कि, मनुष्य को भी भोजन के रुप में खाने के लिए गाँवों की ओर जाते हैं। यह अपने शिकार (जैसे – हिरन, जेबरा और अन्य जानवरों) पर अपनी बहुत मजबूत पकड़ रखता है और उन पर मजबूत जबड़ों और तेज पंजों के माध्यम से अचानक आक्रमण करता है। आमतौर पर, यह दिन के दौरान सोता है और रात के समय शिकार करता है। जंगली जानवरों को भोजन की आवश्यकता और जरूरत के बिना मारना इसकी प्रकृति और शौक है, जो इसकी अन्य जानवरों के सामने ताकत और शक्ति प्रदर्शित करती है। यही कारण है कि, यह बहुत ही क्रूर और निर्दयी पशु के रुप में जाना जाता है।
नर बाघ जन्म के 4-5 साल बाद परिपक्व होते हैं, जबकि मादा 3-4 साल की आयु में परिपक्व हो जाती हैं। संभोग के लिए कोई निश्चित मौसम नहीं होता है। गर्भावस्था अवधि 95-112 दिन की होती है और एक बार में 1-5 बच्चों को जन्म दे सकते है। युवा पुरुष अपनी मां के क्षेत्र को छोड़ देते हैं जबकि महिला बाघ उसके करीब क्षेत्र में ही रहती हैं। भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।
भारत में बाघ आमतौर पर सुन्दर वन (असम, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े चीते अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं हालांकि, सभी में रॉयल बंगाल टाइगर सबसे अधिक सुन्दर लगते हैं। बाघों को मारना, उस समय से पूरे देश में निषेध है, जब उनकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट हो रही थी। अभी तक बाघों की छः जीवित प्रजातियाँ (जैसे – बंगाल टाइगर, साइबेरियन बाघ, सुमनत्रन बाघ, मलयान बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ) पाई जाती है और तीन प्रजातियाँ अभी हाल ही में विलुप्त हो गई हैं (जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर और बाली टाइगर)।
निबंध 4 (600 शब्द)
बाघ बहुत ही हिंसक जानवर है। यह भारतीय सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशु के रुप में घोषित किया गया है। यह इस ग्रह पर सबसे अधिक ताकतवर, शक्तिशाली और आकर्षक पशु माना जाता है। यह घने जंगलों में रहते हैं हालांकि, कभी-कभी वनों की कटाई के कारण भोजन की तलाश में गाँवों और अन्य आवासीय स्थानों में भी घुस आता है। साइबेरियन बाघ आमतौर पर ठंडे स्थानों पर रहते हैं हालांकि, रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ) जंगलों में नदी के किनारे रहते हैं, यही कारण हैं कि, वे अच्छी तरह से तैरना भी जानते हैं।
कुछ दशक पहले, बाघों का लोगों द्वारा अपने विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, जिसमें गैर-कानूनी कार्य भी शामिल है; जैसे – शरीर के अंगों, खाल (त्वचा), हड्डियों, दाँतों, नाखूनों आदि की तस्करी के लिए बड़े स्तर पर शिकार किया जाता था। इसके परिणाम स्वरूप पूरे भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक कमी आई। बाघ अन्य देशों में भी पाए जाते हैं; जैसे – बांग्लादेश, कम्बोडिया, थाइलैंड, लॉस, चीन, इन्डोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, रुस, वियतनाम, भूटान, आदि।
बाघ के भौतिक लक्षण
बाघ एक मांसाहारी जानवर है, जो रात को शिकार करता है हालांकि, दिन में सोता है। बाघ बहुत ही मजबूत और ताकतवर शरीर रखता है, जिसकी सहायता से ये बहुत ऊँचाई तक (लगभग 7 फिट तक) छलांग सकता है और बहुत अधिक दूरी तक (लगभग 85 किलो/घंटा की रफ्तार से) दौड़ सकता है। इसके नीले, सफेद और नारंगी शरीर पर काली धारियाँ इसे वास्तव में, आकर्षक और सुन्दर बनाती है। इसे बहुत अधिक दूरी से अपने शिकार को पकड़े के लिए प्राकृतिक रुप से मजबूत जबड़े, दाँत और तेज पंजे प्राप्त है। यह माना जाता है कि, इसकी लम्बी पूँछ, शिकार के पीछे भागते हुए इसका नियंत्रण बनाए रखती है। एक बाघ लगभग 13 फिट लम्बा और 150 किलो वजन का होता है। एक बाघ को उसके शरीर पर अद्वितीय धारियों से पहचाना जा सकता है। शरीर पर बनी धारियां प्रत्येक बाघ के लिए विशिष्ट होती है जो उनकी पहचान में मदद करती है।
एक राष्ट्रीय पशु के रुप में टाइगर (बाघ)
बाघ को इसी शक्ति, ताकत और चपलता के कारण भारत का राष्ट्रीय पशु चुना गया है। यह अपने जंगल का राजा और रॉयल बंगाल टाइगर के जैसे नामों के कारण भी राष्ट्रीय पशु चुना गया है।
प्रोजेक्ट टाइगर क्या है ?
प्रोजेक्ट टाइगर भारतीय सरकार के द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है। यह अभियान भारत में बाघों की संख्या को बनाए रखने और उन्हें सुरक्षित करने के लिए शुरु किया गया है। इस अभियान की शुरुआत 1973 में बाघों को विलुप्त होने के संकट से बचाने के लिए की गई थी। यह योजना देश में बचे हुए बाघों को सुरक्षित करने के साथ ही उनकी प्रजाति में प्रजनन के माध्यम से संख्या में वृद्धि करने पर केन्द्रित है। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है। इस योजना के बाद, 1993 में हुई जनगणना में, बाघों की संख्या में इससे उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। यद्यपि, भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन, इस योजना में व्यय किए गए धन की तुलना में देश में बाघों की संख्या अभी भी संतोषजनक नहीं है।
भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्व
भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।
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बाघ एक राष्ट्रीय जानवर है। बाघ को सभी खतरनाक जानवरों में से एक माना जाता है। बाघ एक मांसाहारी पशु है।
बाघ का रंग पीला होता है। कुछ प्रदेशों में सफेद बाघ भी पाए जाते हैं। बाघ के शरीर पर काली रंग की धारियाँ होती हैं। बाघ एक ताकतवर प्राणी है। उसका शरीर लंबा और गठीला होता है। उसके दाँत नुकीले और पंजों के नाखून तेज होते हैं। उसकी पूँछ लंबी होती है।
वह अँधेरे में भी देख सकता है। बाघ पानी में अच्छी तरह तैर सकता है। वह जंगली जानवरों का शिकार करता है। बाघ लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। मादा बाघ को बाघिन कहते है। बाघ दहाड़ता है। बाघ को जंगल का राजा भी कहा जाता है।
बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। बाघ को हम चिड़ियाघर में देख सकते हैं। बाघ को हम सर्कस में भी देख सकते है।
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